बरसात के मौसम में दही खाना चाहिए या नहीं,जानिए
दही आपके हेल्थ के लिए अच्छा होता है ये बात तो किसी से छिपी नहीं है। दही खाने का एक अहम भाग है। गर्मियों में शरीर को ठंडा और शरीर को लू के थपेड़ों से बचाने के लिए भी दही खाने की सलाह दी जाती है। पेट के लिए भी दही बहुत फायदेमंद होती है। चिलचिलाती धूप में ठंडी लस्सी मिल जाए तो बहुत राहत मिलती है। कैल्शियम और प्रोटीन के लिए भी दही अच्छा सोर्स है। मानसून सीजन राहत तो देता है लेकिन अपने साथ कई प्रकार की समस्याएं भी लेकर आता है। बारिश के मौसम में फूड प्वाइजनिंग होने का खतरा रहता है। यही वजह है कि अधिकतर लोग अपने खान-पान का बहुत ध्यान रखते हैं। मानसून के मौसम में अगर ठीक तरह से खाने-पीने का ध्यान नहीं रखा गया तो आपको कई सारी बीमारियां हो सकती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गर्मी में राहत देने वाली दही मॉनसून में आपके लिए आफत बन सकती है.लेकिन बरसात के मौसम में अक्सर यह बात सुनने को मिल जाती है कि इस सीजन में दही का उपयोग नहीं करना चाहिए? आखिर इस बात में कितनी सच्चाई है और ऐसा क्यों कहा जाता है। आयुर्वेद बरसात के मौसम में दही खाने के लिए पूरी तरह मना करता है। क्योंकि इस आदि चिकित्सा के अनुसार दही में अभिष्यंदी गुण होता है।
बारिश में दही खाना चाहिए या नहीं?
1 बारिश के मौसम में दही और उससे बनी चीजें नहीं खानी चाहिए।
2 मानसून में डेयरी प्रोडक्ट्स में बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है।
3 दही में प्रोटीन ज्यादा होता है इसलिए बारिश में इसका सेवन करने से बचना चाहिए।
4 दही तासीर में ठंडी होती है। डॉक्टर्स बारिश के मौसम में ताजा और गरम खाना खाने की सलाह देते हैं।
5 बारिश के मौसम में दही में बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है इसलिए दही और उससे बनी चीजें नहीं खाने की सलाह दी जाती है।
6 अगर दही खाना है तो ताजा और घर का जमा हुआ दही खाएं।
7 मानसून में बासी और खट्टा दही खाने से बचना चाहिए।
8 बारिश के मौसम में आपको दूध हमेशा उबालकर पीना चाहिए।
9 आपको मानसून में ऐसी चीजें से परहेज करना चाहिए जो पित्त को बढ़ाती हैं।
10 बारिश में हाजमा कमजोर हो जाता है इसलिए गैस बनाने वाली चीजें खाने से बचना चाहिए।
बारिश के मौसम में रात के समय में दहीं खाने से बचें। दिन के समय दही का सेवन करें। डायरिया और फूड प्वॉइजनिंग के मरीजों के लिए दही का सेवन बेहतर है। दही में मौजूद प्रोबायोटिक हमारी आंतों के लिए भी अच्छा होता है।
आयुर्वेद की भाषा में अभिष्यंदी उस खाद्य पदार्थ के सेवन के बाद होनेवाली स्थिति को कहते हैं, जिसमें शरीर के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं। यह स्थिति कई तरह की शारीरिक समस्याओं को बढ़ानेवाली होती है। इसमें गले में खराश होना, गले में कफ जमा होना और शरीर के जोड़ों में दर्द होना या किसी पुराने दर्द का अचानक उभर आना शामिल है।