धर्म

जानें कब से शुरू होगा पौष का माह ,इस महीने के व्रत और त्योहार

इस बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा 19 दिसंबर को मनाई जाएगी और अगले दिन यानी 20 दिसंबर से पौष माह की शुरुआत होगी। मान्यता है कि सूर्य देवता के भग नाम से इस माह में उनकी पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में ऐश्वर्य, धर्म, यश, श्री, ज्ञान और वैराग्य को ही भग कहा गया है और जो इनसे युक्त उन्हें भगवान माना गया है। वहीं मान्यता यह भी है कि इस मास में मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिये क्योंकि उनका शुभ फल नहीं मिलता.नए माह की शुरुआत होते हैं महीने के तिथि व्रत और त्योहार शुरु हो जाएंगे। पौष माह का समापन 17 जनवरी को पूर्णिमा के दिन होगा और 18 जनवरी से माघ माह की शुरुआत होगी। पौष माह (Paush Maas) धार्मिक दृष्टि से काफी महत्पूर्ण होता है। पौष माह में इस साल 2021 की आखिरी संकष्टी चतुर्थी, सफलता एकादशी, भानु सप्तमी, प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि, पौष अमावस्या, पौष पुत्रदा एकादशी, पोंगल, मकर संक्रांति, लोहड़ी, पौष पूर्णिमा जैसे प्रमुख व्रत एवं त्योहार आएंगे। पौष माह में ही अंग्रेजी कैलेंडर का नया साल 2022 भी शुरु हो जाएगा। आइए जानते हैं पौष माह में मनाए जाने वाले व्रत और त्योहार के बारे में।

पौष माह के व्रत और त्योहार
-21 दिसंबर, मंगलवार को साल का सबसे छोटा दिन होगा।
-22 दिसंबर बुघवार के दिन गणेश जी को समर्पित अखुरथ संकष्टी चतुर्थी है। इस दिन गणेश जी की विधिवत्त तरीके से पूजा-अर्चना की जाती है।
-25 दिसंबर को बड़ा दिन और क्रिसमस है। इस दिन देशभर में ईसाई लोग भगवान यीशू का जन्मदिन मनाते हैं।
-26 दिसंबर को भानु सप्तमी और कालाष्टमी मनाई जाएगी। इस दिन सप्तमी और अष्टमी एक दिन ही पड़ेगी ।
-27 दिसंबर को मंडल पूजा है।
-30 दिसंबर को सफला एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु जी की पूजा-अर्चना और उपासना की जाती है।
-31 दिसंबर को प्रदोष व्रत है। इस बार शुक्रवार होने के कारण शुक्र प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है।
-1 जनवरी को मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाएगा। शिव जी की प्रिय व्रतों में से एक है मासिक शिवरात्रि का व्रत। कहते हैं कि जल्द शादी के लिए अविवाहित महिलाओं को ये व्रत रखना चाहिए।
-2 जनवरी को हनुमान जी को समर्पित हनुमान जयंती मनाई जाएगी।
-2 जनवरी को दर्श अमावस्या भी है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान, स्नान और पूजा-पाठ आदि किया जाता है।
– 4 जनवरी को चंद्र दर्शन पर्व है।
-6 जनवरी को गणेश जी को समर्पित विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी।
-7 जनवरी को स्कंन्द षष्ठी है. दक्षिण भारत में इसका विशेष महत्व है।
– 9 जनवरी को शुक्ल पक्ष की भानु सप्तमी मनाई जाएगी।
– 9 जनवरी को सिख समुदाय के लोग गुरु गोविंद सिंह जयंती मनाई जाएगी। महान संत गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को साल 1666 में बिहार के पटना शहर में हुआ था।
-10 जनवरी को शाकंभरी उत्स्व है।
– 10 जनवरी को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाएगी।
– 12 जनवरी को मासिक कार्तिगाई है।
-12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जयंती है।
– 13 जनवरी को वैकुंठ एकादशी या पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु जी की पूजा उपासना की जाती है। ऐसा माना जाता है कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।
-13 जनवरी को लोहड़ी का त्योहार मनाया जाएगा।
-14 जनवरी को देशभर में मकर संक्रांति मनाई जाएगी।
-14 जनवरी को रोहिणी व्रत और कूर्म द्वादशी है।
-15 जनवरी को शनि त्रयोदशी, बिहू और प्रदोष व्रत रखा जाएगा।
-17 जनवरी को पौष पूर्णिमा है। इसके बाद 18 जनवरी से माघ का माह शुरू हो जाएगा।

पौष माह की एकादशी
पौष माह में दो एकादशी हैं सफला एकादशी और पुत्रदा एकादशी। ये दोनों ही काफी महत्वपूर्ण हैं। सफला एकादशी का व्रत करने से कार्यों में सफलता मिलती है और पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से पुत्र की प्राप्ति होती है।

पौष माह का प्रदोष व्रत
पौष माह में दो प्रदोष व्रत हैं। एक शुक्र प्रदोष व्रत है और दूसरा शनि प्रदोष व्रत। शुक्र प्रदोष व्रत सभी सुखों को देने वाला है और शनि प्रदोष व्रत संतान प्राप्ति के लिए उत्तम माना जाता है। हालांकि यह शुक्ल पक्ष का शनि प्रदोष व्रत है। कृष्ण पक्ष के शनि प्रदोष व्रत का महत्व और अधिक होता है।

किस प्रकार करें पौष मास में सूर्य देव की उपासना ?

सबसे पहले नित्य प्रातः स्नान करने के बाद सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए, ताम्बे के पात्र से जल दें जल में लाल चंदन या रोली या कुंकुम, शहद लाल फूल डालें, इसके बाद सूर्य के मंत्र “ॐ सूर्याय नमः” का जाप करें बता दें, इस माह नमक का सेवन कम से कम करना चाहिए।

पौष मास में खान-पान में किस तरह की सावधानी और ख्याल रखें ?

खाने पीने में मेवे और स्निग्ध चीज़ों का इस्तेमाल करें ।

चीनी की बजाय गुड़ का सेवन करें ।

अजवाइन, लौंग और अदरक का सेवन लाभकारी होता है ।

इस महीने में ठन्डे पानी का प्रयोग, स्नान में गड़बड़ी और अत्यधिक खाना खतरनाक हो सकता है।

इस महीने में बहुत ज्यादा तेल घी का प्रयोग भी उत्तम नहीं होगा।

पौष मास में सबसे महत्वपूर्ण बात क्या है ?

इस महीने में मध्य रात्रि की साधना उपासना त्वरित फलदायी होती है।

इस महीने में गर्म वस्त्रों और अन्न का दान काफी उत्तम होता है।

इस महीने में लाल और पीले रंग के वस्त्र भाग्य में वृद्धि करते हैं।

इस महीने में घर में कपूर की सुगंध का प्रयोग स्वास्थ्य को खूब अच्छा रखता है।

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