जिस रुद्राक्ष को लेने सीहोर में बन गए भगदड़ जैसे हालात, जानें उस रुद्राक्ष का महत्व और उसकी उत्पत्ति का रहस्य
समंदर के नीचे अगर खजाना मिलता है, तो जंगल के पेड़ों में भी चमत्कारी चीजें उगती है। ऐसी ही एक चीज है, जिसे हर हिंदू बड़ी पवित्रता से धारण करता है। जिसका नाम रुद्राक्ष है।
समंदर के नीचे अगर खजाना मिलता है, तो जंगल के पेड़ों में भी चमत्कारी चीजें उगती है। ऐसी ही एक चीज है, जिसे हर हिंदू बड़ी पवित्रता से धारण करता है। जिसका नाम रुद्राक्ष है।जिसे हिन्दू मान्यता के अनुसार भोलेनाथ का रुद्राक्ष कहा जाता है। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में आज इसी रुद्राक्ष को लेने के लिए लोगों की लंबी कतारें लग गईं। ट्रैफिक जाम हो गया।जाम भी कोई छोटा-मोटा नहीं, बल्कि 5 किमी तक ठसाठस लोग ही लोग नजर आए।ट्रेन की बोगियां फुल हो गईं। पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा आयोजित रुद्राक्ष महोत्सव के लिए बने बड़े-बड़े पांडाल भी श्रद्धालुओं से भर गए।इतनी भीड़ थी कि मैनेज करने में जिला प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। दरअसल, रुद्राक्ष के लिए लोग 9 घंटे तक लाइन में लगे। जिसकी वजह से बैरिकेड भी टूट गए। लेकिन क्या आपको पता है। जिस रुद्राक्ष के लिए सिहोर में लोग टूट पड़े उसका क्या महत्व है? और यह कहां मिलता है?
एक फल के अंदर मिलता है रुद्राक्ष
सबसे पहले यह जान लीजिए कि रुद्राक्ष एक फल होता है, जो पेड़ से मिलता है।यह देखने में काले-भूरे बेर जैसा लगता है।जब तक इसे छीला नहीं जाता कोई बता नहीं सकता कि ये रुद्राक्ष है।क्योंकि इसकी खोल बेर की तरह होती है।चाकू से काटकर इसके छिलके को हटाने के बाद रुद्राक्ष मिलता है।साफ करने के लिए बाकी बचे छिलके को रगड़ा जाता है।बताया जाता है कि जंगल में कई प्रकार के रुद्राक्ष मिलते हैं।लेकिन एकमुखी रुद्राक्ष कम मिलते हैं।जो लोग इसे बेचते हैं, उनका कहना है कि नेपाल में रुद्राक्ष के पेड़ बहुतायत में पाए जाते हैं।बेचने वाले खुद लोगों को कथा सुनाते हैं कि भगवान शिव का आंसू नेपाल में गिरा था।और रुद्राक्ष के रूप में इसकी उत्पत्ति हुई।इसे शिव का महाफल बताकर बेचा जाता है।विदेशी भी रुद्राक्ष के महत्व को जानने-समझने लगे हैं।तमाम रोगों और शारीरिक कष्टों से मुक्ति के लिए भी लोग रुद्राक्ष अपने पास रखते हैं।सड़क पर फल से रुद्राक्ष निकालकर देने वाले लोग 50 रुपये में इसे बेचते हैं।जबकि दुकानों पर कीमत हजारों में हो सकती है।ऐसे ही ‘चमत्कारी रुद्राक्ष’ को लेने के लिए सीहोर में लोगों की भीड़ जुट गई।