ताज़ा ख़बर

रिपोर्ट में खुलासा: केजरीवाल ने जरूरत से चार गुना ज्यादा मांगी थी ऑक्सीजन, भाजपा ने घेरा

ताजा खबर: नई दिल्ली। कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की दूसरी लहर (second wave) के दौरान देश में मची तबाही से ऑक्सीजन की संकट (oxygen crisis) के कारण भी सैकड़ों लोगों की जान गई थी। कई राज्यों में ऑक्सीजन की भारी कमी देखी गई थी। वहीं सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा बनाई ऑडिट कमेटी की रिपोर्ट (audit committee report) में बड़ा खुलासा हुआ है। दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए जरूरत से ज्यादा ऑक्सीजन की मांग की थी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने यह ऑडिट कमेटी पिछले महीने बनाई थी। रिपोर्ट में पता चला है कि संकट के दौरान केजरीवाल सरकार ने जरूरत से चार गुना ऑक्सीन मांगे थे।

भाजपा साध रही केजरीवाल पर निशाना
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई ऑडिट कमेटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद भाजपा समेत पूरा विपक्ष मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) पर हमलवार हो गया है। पूर्व क्रिकेटर और भाजपा सांसद गौतम गंभीर (BJP MP Gautam Gambhir) ने भी ट्वीट कर केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा है कि अगर अरविंद केजरीवाल में शर्म बची है तो अभी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस (press conference) करिए और देश से कोरोना की दूसरी लहर के दौरान चार गुना ऑक्सीजन की मांग करने के लिए माफी मांगिए।





दिल्ली ने बढ़ाई थी कई राज्यों की मुश्किलें
ऑक्सीजन ऑडिट कमेटी ने आगे कहा है कि दिल्ली की अधिक मांग की वजह से 12 अन्य राज्यों को ऑक्सीजन की भारी कमी झेलनी पड़ी क्योंकि उनकी जरूरत का ऑक्सीजन दिल्ली को दिया जा रहा था। दिल्लीभर में अस्पतालों द्वारा ऑक्सीजन की भारी मांग के चलते सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूण (Justice DY Chandrachun) और एमआर शाह (MR Shah) ने एक 12 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया और ऑक्सीजन वितरण को लेकर ऑडिट रिपोर्ट पेश करने को कहा।

ऑडिट कमेटी ने अपनी जांच में पाया कि 13 मई को ऑक्सीजन टैंकर (oxygen tanker) अधिकतर अस्पतालों में खाली ही नहीं हो सके क्योंकि वहां पहले ही ऑक्सीजन टैंक 75 प्रतिशत से ज्यादा क्षमता के साथ भरे हुए थे। यहां तक कि सरकारी अस्पताल जैसे एलएनजेपी (LNJP) और एम्स (AIIMS) ने भी फुल टैंक होने की बात कही थी।

टास्क फोर्स ने कहा है कि 29 अप्रैल से 10 मई के बीच दिल्ली में आक्सीजन की खपत को लेकर कुछ अस्पतालों द्वारा रिपोर्टिंग में बड़ी गलतियां की गई थीं जिसे सही करना पड़ा। दिल्ली सरकार ने दिखाया कि अस्पतालों द्वारा वास्तविक मांग 1140 मीट्रिक टन की थी। जब इस रिपोर्ट में सुधार किया गया तो यह जरूरत घटकर 209 मीट्रिक टन पर आ पहुंची।

Web Khabar

वेब खबर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button