गणेश लक्ष्मी जी की मूर्ति खरीदते समय इन बातों का जरूर रखें ध्यान
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दिवाली मनाई जाती है। इस साल दिवाली 4 नवंबर 2021, दिन गुरुवार को है। दिवाली खुशियों उमंग और उल्लास का त्योहार है। दिवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है। दिवाली पूजन में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की नई प्रतिमा या मूर्ति रखी जाती है। दिवाली पर पूजन के लिए हर घर में नई गणेश लक्ष्मी की प्रतिमाएं लाई जाती हैं, लेकिन दिवाली पर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्तियां खरीदते समय कुछ बातों को ध्यान में रखना बेहद आवश्यक होता है।
मूर्ति कैसी हो
लक्ष्मी गणेश आपस में जुड़े हुए नहीं खरीदने चाहिए, इसे शुभ नहीं माना गया है. दोनों विग्रह अलग-अलग होना चाहिए.
लक्ष्मी जी का स्थान
श्री गणेश जी के दाहिने हाथ की तरफ लक्ष्मी माता को बैठाना चाहिए. यानी स्वयं सामने से देखने पर गणेश जी लक्ष्मी जी के दाहिनी तरफ स्थापित होंगे.
गणेश जी की सूंड का रखें ध्यान
गणपति जी की सूंड़ का भी बहुत महत्व है। गणपति की मूर्ति में उनकी सूंड उनके बाएं हाथ की तरफ मुड़ी होनी चाहिए। दाईं तरफ मुड़ी हुई सूंड तांत्रिक साधना हेतु उपयुक्त होती है। कई मूर्तियों में मैंने देखा है कि सूंड़ में दो घुमाव होते हैं ऐसी मूर्ति भी नहीं लेनी चाहिए।
मोदक वाली मूर्ति शुभ होती है
मूर्ति खरीदते समय हमेशा गणेश जी के हाथ में मोदक होना जरूरी है। ऐसी मूर्ति सुख-समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है। यह मोदक बाएं हाथ में होना अति शुभ होता है। यानी गणेश जी की सूंड मोदक या लड्डू की ओर मुड़ी हुई होना बहुत शुभ होता है।
मूषक वाहन
ध्यान रखना चाहिए कि गणेश जी का वाहन यानी मूषक की उपस्थिति भी बहुत अनिवार्य है।
कौन सी मूर्ति खरीदें
आजकल वैसे बाजार में प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां अधिक उपलब्ध हैं। लेकिन मिट्टी की मूर्ति लेना ही शास्त्रसंमत है। यदि मिट्टी की अच्छी आकर्षक मूर्ति उपलब्ध हो तो उसको ही चुनना चाहिए।
लक्ष्मी जी की ऐसी मूर्ति न खरीदें
लक्ष्मी मां की मूर्ति खरीदते समय ध्यान रखें कि कमल पर विराजित मूर्ति लें उल्लू पर सवारी करती हुई नहीं खरीदनी है। लक्ष्मी माता का हाथ वरद मुद्रा में हो और उस हाथ से धन की वर्षा हो रही हो। आशीर्वाद देती मां की मूर्ति रहेगी तो जीवन में उनकी कृपा से दरिद्रता दूर रहेगी।
लक्ष्मी गणेश की ऐसी मूर्ति घर पर लाएं
ऐसी मूर्ति नहीं लेनी चाहिए जिसमें लक्ष्मी गणेश जी खड़े हों। देवी देवता आराम से आसन ग्रहण करके आशीर्वाद दें ऐसे भाव वाली मूर्ति अच्छी होती है।