उद्योगपतियों ने बेरोजगारों को दिखाया ठेंगा, रोजगार मेले में 10-15 हजार की नौकरी तलाश रहे युवा
उद्योग तो रीवा में बहुत लगे, लेकिन यहां के बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिला। सभी उद्योगपतियों ने बेरोजगारों को ठेंगा दिखाया। सबसे पहले जेपी इसके बाद औद्योगिक क्षेत्र चोरहटा और फिर सोलर पॉवर प्लांट गुढ़, यहां पर देखें तो बाहर के लोग रोजगार प्राप्त कर पैसा कमा रहे हैं। इस जिले के बेरोजगार गुजरात, मुंबई, हरियाणा कमाने जा रहे हैं।
रीवा। रीवा जिले में छोटे व बड़े उद्योगों की स्थापना तो हुई लेकिन स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं मिल पाया। बिहार एवं अन्य राज्यों के श्रमिक इन उद्योगों में काम कर रहे हैं किंतु स्थानीय युवा बाहर जाने के लिए मजबूर हैं। हालात यह हैं कि बाहर से आने वाली कंपनियों में 10 से 15 हजार की नौकरी करने जिले का युवा रोजगार मेले में अपने लिए रोजगार तलाश रहा है।
उद्योग तो रीवा में बहुत लगे, लेकिन यहां के बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिला। सभी उद्योगपतियों ने बेरोजगारों को ठेंगा दिखाया। सबसे पहले जेपी इसके बाद औद्योगिक क्षेत्र चोरहटा और फिर सोलर पॉवर प्लांट गुढ़, यहां पर देखें तो बाहर के लोग रोजगार प्राप्त कर पैसा कमा रहे हैं। इस जिले के बेरोजगार गुजरात, मुंबई, हरियाणा कमाने जा रहे हैं। सबसे पहले 1980 में रीवा शहर से दस किलोमीटर दूर नौबस्ता में जेपी का सीमेन्ट प्लान्ट लगा। किसानों की जमीन अधिग्रहित की जाकर उनके बच्चों को नौकरी देने का वादा किया गया लेकिन कंपनी वादे को नहीं निभा पाई। इसके बाद चोरहटा को औद्योगिक क्षेत्र बनाया गया जहां पर सौ से अधिक छोटे-बड़े उद्योग-धंधे संचालित हैं। उद्योग चलाने वाले उद्योगपति रीवा के लोगों को कम मात्रा में रोजगार दिया। बाहरी से काम ले रहे हैं। सरकार बेरोजगारी दूर करने के लिए आए दिन अपने कैम्प लगा रहीं है।
ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियां थी शून्य
ग्रामीण क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियां अभी तक शून्य थीं लेकिन कई जगह गांवों में सरकारी जमीन जो खाली पड़ी हैं उसमें उद्योग लगाने के लिए चिन्हित किया गया है। जिसमें त्योंथर क्षेत्र के घूमा-कटरा, मऊगंज में पटेहरा, घुरेहटा एवं मदरावल शामिल है। इसके पहले गुढ़ क्षेत्र के बदवार पहाड़ में सोलर पॉवर प्लांट स्थापित किया जा चुका है।
एक दशक पहले किया गया था चिन्हित
एशिया का सबसे बड़ा सोलर पॉवर प्लांट गुढ़ बदवार में स्थापित है। लगभग 1575 हेक्टेयर भूमि पर सोलर पॉवर की तीन यूनिटें संचालित हैं। इस जमीन को 10 साल पहले चिन्हित किया गया था। वर्ष 2020-21 से इसमें उत्पादन शुरू हो चुका है। इसके पहले वर्ष 1980 में शहर के पश्चिमी इलाके नौवस्ता जेपी सीमेन्ट प्लांट लगाया गया। धीरे-धीरे चोरहटा को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया गया जहां पर छोटी-छोटी इकाईयां काम कर रहीं हैं। बिछिया में भी कई इकाईयां लगी हुई हैं।