भोपाल

कमलेश्वर पटेल : प्रदेश में भाजपा कुशासन की सरकार, पटेल के गंभीर आरोप

भोपाल – मध्यप्रदेश में भाजपा के सुशासन की नहीं बल्कि कुशासन की सरकार है।गरीब जरूरतमंद व्यक्ति को खाद्यान्न नहीं, युवा को रोजगार नहीं, महंगाई की मार से समाज का हर तबका परेशान और बेहाल है। पेट्रोल,डीजल एवं गैस के बढ़ते दामों से आम नागरिक का जीना दूभर हो रहा है। उक्त विचार विधायक एवं पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने आज मध्यप्रदेश विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा करते हुए व्यक्त किए।

वर्षों से नहीं मिला है लाभ

प्रदेश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के जो अधिकारी कर्मचारी हैं उन्हें पदोन्नति में आरक्षण के लिए बरसों से लाभ नहीं मिला और वे रिटायर्ड हो गए। यहां तक कि इस रोक की वजह से सरकार की तरफ से पैरवी नहीं करने से सामान्य वर्ग और पिछड़ा वर्ग के जो भी अधिकारी कर्मचारी हैं वह हजारों की संख्या में बिना पदोन्नति के रिटायर्ड हो गए। क्या यह सुशासन है ? गुड गवर्नेंस ?

भाजपा के गलती के कारण नहीं हो रहे हैं चुनाव

भाजपा सरकार की गलती की वजह से प्रदेश में पंचायत चुनाव नहीं कराए जा सके। त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के तहत मध्यप्रदेश ही एक ऐसा राज्य था जिससे दूसरे राज्य भी इसका अनुसरण करते थे। भाजपा सरकार को आखिरकार अध्यादेश वापस लेना पड़ा, गलती स्वीकार करनी पड़ी और उसकी वजह से आज हमारे जो ग्रामीण क्षेत्र के जनप्रतिनिधि हैं या जो चुनाव लड़ने की लालसा रखते थे आज वे चुनाव नहीं लड़ पाए हैं ।

सरकार की गलती नहीं मिला आरक्षण का लाभ

सरकार की गलतियों की वजह से मिला हुआ आरक्षण भी चला गया। ट्रिपल टेस्ट जो सुप्रीम कोर्ट का डायरेक्शन है , वह सरकार कैसे पूरा करेगी कब लागू होगा, कब चुनाव होगा । अभी इसमें इसका भी उल्लेख है कि सरकार प्रयासरत है कि 27% पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के हिसाब से ही चुनाव कराएगी एक और जो 27% आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग को कांग्रेस सरकार ने दिया उस आरक्षण को मध्य प्रदेश सरकार की गलती की वजह से हाई कोर्ट में जो याचिका लगी थी वहां कोई रोक नहीं थी, सिर्फ तीन विभागों में रोक थी और इसको सरकार को समझने में एक साल से ज्यादा समय लग गया।

विधायक ने कहा की अनुसूचित जाति जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के लोगों का बखान करते हैं एवं संत रविदास जी के श्लोक पढ़ते हैं और राज्यपाल जी से सदन में पढ़ाया जाते हैं, उनके विचारों को पालन करने की बात कही जाती है आज गरीब का बच्चा पहले कोविड में नहीं पढ़ पाया, क्योंकि उसके पास स्मार्टफोन नहीं था, इंटरनेट नहीं था ,अब उसकी परीक्षा देने की बात आई तो उस समय भी इनको परीक्षा देने से वंचित करने का काम इस सरकार ने किया। पहले मुख्यमंत्री ने कोविड में बिजली की वसूली नहीं करने की बात की थी किंतु आज किसानों की बिजली का बिल बढ़ा हुआ आ रहा है। हर व्यक्ति का बिजली का बिल बढ़ कर आ रहा है , कोविड काल के बिजली बिल थमाए जा रहे हैं । जन सामान्य परेशान हैं। लोक अदालत के नोटिस जारी हो रहे हैं।

 

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