मध्यप्रदेश

कमलनाथ के सर्वे ने बढ़ाई 28 विधायकों की टेंशन, लोकप्रियता के साथ निकाय चुनाव का दिया टास्क

भोपाल – साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनाने का मुश्किल सपना देखने वाले कांग्रेसियों के लिए यह खबर उनका सपना तोड़ने जैसी साबित हो सकती है। दरअसल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव और निकाय चुनाव को देखते हुए एक सर्वे कराया था। सर्वे रिपोर्ट ने पार्टी के विधायकों में खलबली पैदा कर दी है। इसका कारण है कि 15 महीने की सरकार रहने के बाद भी कांग्रेस ढाई दर्जन से ज्यादा विधायकों की रिपोर्ट उनके विधानसभा क्षेत्र में ठीक नहीं है। सर्वे रिपोर्ट में ढाई दर्जन विधायकों को डेंजर जोन में बताया गया है। साफ है कि पार्टी के 28 विधायकों की खुद के क्षेत्र में जब लोकप्रियता नहीं है तो फिर वे कैसे अगले चुनाव में जीत हासिल कर पाएंगे। हालांकि इस रिपोर्ट में सुधार के साथ ही कांग्रेस आलाकमान ने विधायकों को परफॉर्मेंस के साथ निकाय चुनाव में जीत का बड़ा टास्क दिया है।

निकाय चुनाव के आधार पर होगा टिकट फाइनल

इस सर्वे रिपोर्ट ने कई विधायकों की रातों की नींद खराब कर दी है। इसके साथ ही अब उन्हें स्थानीय स्तर पर चुनाव में अपने क्षेत्र में बेहतर नतीजे देने होंगे। और अगर ऐसा नहीं होता है तो उनका अगले विधानसभा चुनाव में टिकट प्रदेश नेतृत्व ने साफ कहा है कि नगरीय निकाय चुनाव में विधायकों को पार्टी को जिताने का काम दिया गया है। अब  उन्हें इस चुनाव में बेहतर नजीब नतीजे लाकर अपनी लोकप्रियता साबित करनी होगी।

बीजेपी ने कसा तंज 

कांग्रेस पार्टी के इस कदम से भारतीय जनता पार्टी को एक और मौका कांग्रेस पर तंज कसने का मिल गया है। बीजेपी ने साफ कहा है कि अब प्रदेश में कांग्रेस में अब कोई आधार नहीं बचा है। उपचुनाव के जैसे ही परिणाम नगरीय निकाय चुनाव में नजर आएंगे। कांग्रेस की सर्वे रिपोर्ट के बाद प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सभी विधायकों को क्षेत्र में अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। 

अपने ही खड़ी कर रहे मुश्किल

कांग्रेस के लिए निकाय चुनाव में इसलिए भी बड़ी चुनौती है क्योंकि उसके ही पूर्व मंत्री ही उसकी मुश्किलों को और ज्यादा बढ़ाने का काम कर रहे हैं। जहां एक ओर सर्वे रिपोर्ट कांग्रेस के लिए चुनौती बनी हुई है तो वहीं दूसरी कांग्रेस के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने विवादित बयान देकर पार्टी का फायदा करने के स्थान पर नुकसान करने की तैयारी शुरु कर दी है। उन्होंने कहा कि जिन्ना ने बंटवारा करके ठीक किया था। अगर बंटवारा नहीं होता तो मोहन भागवत और पीएम मोदी को यहां खड़े रहने की जगह नहीं मिल पाती।

 

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