कल्पना चावला ने 19 नवंबर के दिन भरी थी पहली उड़ान,बनीं पहली भारतीय महिला अंतरिक्ष यात्री
कल्पना चावला (Kalpana Chawla)अंतरिक्ष जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री थीं।कल्पना चावला ने आज ही के दिन 19 नवंबर 1997 को अपना पहला अंतरिक्ष मिशन शुरू किया था। तब उनकी उम्र महज 35 साल थी। उन्होंने 6 अंतरिक्ष यात्रियों के साथ स्पेस शटल कोलंबिया STS-87 से उड़ान भरी। अपने पहले मिशन के दौरान कल्पना ने 1.04 करोड़ मील सफर तय करते हुए करीब 372 घंटे अंतरिक्ष में बिताए और इस दौरान धरती के कुल 252 चक्कर भी लगाए।इसकी अवधि 19 नवंबर 1997 से 5 दिसंबर 1997 थी। भले ही आज कल्पना चावला हमारे बीच ना हों लेकिन उन्होंने पूरे विश्व को यह सन्देश दिया है कि भारत की प्रतिभा दुनिया के हर कौने में मौजूद है। आज भारत ही नहीं अमेरिका में भी कल्पना के नाम से पुरस्कार दिए जाते हैं। बताया जाताहै जैसे ही शटल वायुमंडल से गुज़री, इसमें गर्म हवा भर गयी जिससे यह अत्यधिक गर्म हो गया, शटल गोल-गोल लुड़कने लगा और अंततः कई टुकड़ों में टूट गया। यह सब एक मिनट से कम समय में हो गया और अन्तरिक्ष यान में सवार सभी अन्तरिक्ष यात्रियों की मौत हो गयी थी। बजाया जा ता है कि यदि यह हादसा 16 मिनट और टल जाता तो सभी यात्री वापस सुरक्षित उतर जाते। बता दें कि अंतरिक्ष शटल कोलंबिया में ये लोग गए थे। अंतरिक्ष शटल कोलंबिया में कल्पना चावला सहित कुल 7 लोग सवार थे। जिसमें कल्पना चावला के अलावा रिक हसबैंड, विलियम सी. मैककूल, डेविड एम. ब्राउन, , माइकल पी. एंडरसन, लॉरेल क्लार्क और इलन रेमन थे। कल्पना चावला की मृत्यु 1 फरवरी 2003 को कोलंबिया स्पेस शटल के दुर्घटनाग्रस्त होने से हुई थी।
करनाल में हुआ जन्म
कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल में हुआ था। वह चार भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं। बचपन में कल्पना को ‘मोंटू’ के नाम से बुलाया जाता था। उनकी शुरुआती पढ़ाई करनाल के टैगोर बाल निकेतन में हुई थी। अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई पूरी की। सपनों को पूरा करने के लिए नासा जाना जरूरी था। इसी उद्देश्य से वह साल 1982 में अमेरिका चली गईं। उन्होंने टैक्सस यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एम.टेक किया। फिर यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की।
कल्पना की शिक्षा
1. प्रारंभिक शिक्षा टैगोर पब्लिक स्कूल करनाल, हरियाणा
2. एरो स्पेस इंजीनियरिंग, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, 1982
3. एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री, 1984
4. एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी, कोलोराडो विश्वविद्यालय, 1988
1988 में पहुंची थीं नासा
साल 1988 में कल्पना चावला ने नासा ज्वॉइन किया। यहां उनकी नियुक्ति नासा के रिसर्च सेंटर में हुई थी। इसके बाद मार्च 1995 में वह नासा के अंतरिक्ष यात्री कोर में शामिल हुईं थीं। करीब आठ महीनों के कड़े प्रशिक्षण के बाद उन्होंने 19 नवंबर 1997 को अपना पहला अंतरिक्ष मिशन शुरू किया तो केवल नासा ही नहीं, भारत समेत पूरी दुनिया ने तालियां बजाकर और शुभकामनाएं देकर उनके दल को इस यात्रा पर रवाना किया था।
ऐसे बनीं अमेरिकी नागरिक
एम.टेक की पढ़ाई के दौरान ही कल्पना को जीन-पियरे हैरिसन से प्यार हो गया था। बाद में दोनों ने शादी भी कर ली। इसी दौरान उन्हें 1991 में अमेरिका की नागरिकता भी मिल गई। इस तरह भारत की बेटी अमेरिका की होकर रह गई, लेकिन उनका भारत से संबंध हमेशा बना रहा
इसलिए हुई दुर्घटना
1 फरवरी, 2003 की सुबह, अंतरिक्ष यान कोलंबिया को वापस पृथ्वी पर कैनेडी स्पेस सेंटर पर उतरना था। लेकिन लॉन्च के समय, ताप को नियंत्रित करने वाले इन्सुलेशन का एक अटैची के आकार का टुकड़ा टूट गया था और शटल की थर्मल संरक्षण प्रणाली को नुकसान पहुंचा था, जो कि शटल को गर्म होने से बचाती है। जैसे ही शटल वायुमंडल से गुज़री, इसमें गर्म हवा भर गयी जिससे यह अत्यधिक गर्म हो गया, शटल गोल-गोल लुड़कने लगा और अंततः कई टुकड़ों में टूट गया. जमीन पर गिरने से पहले शटल, टेक्सास और लुइसियाना पर टूट गया था. यह सब एक मिनट से कम समय में हो गया और अन्तरिक्ष यान में सवार सभी अन्तरिक्ष यात्रियों की मौत हो गयी थी।
तकनीकी गड़बड़ियों से हुई थी यात्रा की शुरूआत
साल 2000 में कल्पना को दूसरे अंतरिक्ष मिशन के लिए भी चुन लिया गया था। यह अंतरिक्ष यात्रा उनकी जिंदगी का आखिरी मिशन भी साबित हुआ। उनके इस मिशन की शुरुआत ही तकनीकि गड़बड़ियों के साथ हुई थी। इसकी वजह से इस उड़ान में विलंब भी होता रहा। आखिरकार 16 जनवरी 2003 को कल्पना सहित 7 यात्रियों ने कोलंबिया STS-107 से उड़ान भरी। अंतरिक्ष में 16 दिन बिताने के बाद वह अपने 6 अन्य साथियों के साथ 3 फरवरी 2003 को धरती पर वापस लौट रही थीं। लेकिन उनकी यह यात्रा कभी खत्म ही नहीं हुई।
कल्पना चावला को यह तीन पुरस्कार
कल्पना चावला जी को कांग्रेसनल अंतरिक्ष पादक के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
कल्पना चावला जी नासा अंतरिक्ष उड़ान पादक के द्वारा भी सम्मानित की गई है।
कल्पना चावला जी को नासा विशिष्ट सेवा पदक का भी पुरस्कार प्राप्त है।