धर्म

25 अगस्त को मनाई जाएगी कजरी तीज ,बन रहा है यह विशेष योग,जानें शुभ मुहूर्त

हिंदी पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को सातुड़ी तीज मनाई जाती है। इसे सातुआ तीज, कज्जली तीज, कजरी तीज और बूढ़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है।कजरी तीज का व्रत हिंदू धर्म की सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत है महत्वपूर्ण होता है। कजरी शब्द एक लोक परंपरा से लिया गया है जो पति से अलग होने के दर्द का वर्णन करती है। कजरी तीज, हरियाली तीज के बाद सभी हिंदू विवाहित महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। कजरी तीज का व्रत 25 अगस्त को रखा जाएगा। हिंदू धर्म को मानने वाली सुहागिन महिलाएं अखण्ड़ सौभाग्य की प्राप्ति के लिए रखती हैं।इस दिन अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि और संतान सुख की प्राप्ति के लिए व्रत करती हैं। कजरी तीज व्रत का पारण चंद्रमा के दर्शन करने और उन्हें अर्घ्य देने के बाद किया जाता है। इस दिन सुहागिनें निर्जलाव्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करती है। इससे माता पार्वती और भगवान महादेव प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्राप्त होने एवं सभी मनोकामना पूरी होने का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

कजरी तीज की तिथि और मुहूर्त
कजरी तीज का व्रत भाद्र पद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर रखा जाता है। पंचांग के अनुसार तृतीया तिथि 24 अगस्त को सायकाल 04 बजकर 05 मिनट से शुरू हो कर 25 अगस्त को शाम 04 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। लेकिन उदया तिथि होने के कारण कजरी तीज का व्रत 25 अगस्त को रखा जाएगा। कजरी तीज का व्रत वैसे तो सुहागिन महिलाएं ही रखती हैं लेकिन मान्यता है कि जिन लड़कियों की शादी में बाधांए आ रही हो वो भी कजरी तीज का व्रत रखती हैं।

कजरी तीज पर बन रहा धृति योग-
इस साल कजरी तीज पर सुबह 05 बजकर 57 मिनट तक धृति योग रहेगा। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में इस योग को बेहद शुभ माना गया है। इस योग में किया गया सभी शुभ कार्य सफल एवं शुभ फलदायी होता है। वैदिक शास्त्र के अनुसार, धृति योग को बेहद शुभ होता है।

कजरी तीज पूजा विधि-
इस दिन महिलाएं स्नान के बाद भगवान शिव और माता गौरी की मिट्टी की मूर्ति बनाती हैं, या फिर बाजार से लाई मूर्ति का पूजा में उपयोग करती हैं। व्रती महिलाएं माता गौरी और भगवान शिव की मूर्ति को एक चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाकर स्थापित करती हैं। इसके बाद वे शिव-गौरी का विधि विधान से पूजन करती हैं, जिसमें वह माता गौरी को सुहाग के 16 सामग्री अर्पित करती हैं, वहीं भगवान शिव को बेल पत्र, गाय का दूध, गंगा जल, धतूरा, भांग आदि चढ़ाती हैं। फिर धूप और दीप आदि जलाकर आरती करती हैं और शिव-गौरी की कथा सुनती हैं।

कजरी तीज व्रत कब खोला जायेगा?
कजरी तीज का व्रत 25 अगस्त को रखा जायेगा तथा उसी दिन रात में चंद्रमा के दर्शन करने के बाद उन्हें अर्घ्य दें उसके बाद ही व्रत खोलें।

 

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