धर्म

ज्येष्ठ पूर्णिमा कल,पूर्णिमा का महत्व बढ़ा रहा है ये शुभ योग

हिंदू पंचांग में हर माह की अंतिथि पूर्णिमा की होती है। इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कला में होता है और इस दिन पूजा पाठ और उपवास करना शुभदायी माना जाता है।कल यानी 24 जून 2021, दिन गुरुवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा (Jyeshtha Purnima) है। हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व माना जाता है।ज्येष्ठ पूर्णिमा को आम बोलचाल की भाषा में जेठ पूर्णिमा या जेठ पूर्णमासी भी कहा जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार पूर्णिमा की तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का भी विधान है। इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा पर एक शुभ संयोग बन रहा है जिसके कारण इस पूर्णिमा का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाएगा। आइए जानते हैं कि ज्येष्ठ पूर्णिमा पर क्या शुभ संयोग बन रहा है और क्या है शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि।

ज्येष्ठ पूर्णिमा, शुभ मुहूर्त (Date of Purnima in June 2021)
ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत: 24 जून 2021, गुरुवार
पूर्णिमा की तिथि का आरंभ: 24 जून, गुरुवार को को प्रात: 03 बजकर 32 मिनट से.
ज्येष्ठ पूर्णिमा का समापन: 25 जून, शुक्रवार को रात्रि 12 बजकर 09 मिनट पर समाप्त.

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन बन रहा ये शुभ संयोग
इस वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा गुरुवार के दिन पड़ रही है। जहां गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है तो वहीं पूर्णिमा तिथि भी विष्णु जी की पूजा आराधना करने के लिए विशेष महत्व रखती है। इस दिन शुभ, शुक्ल योग भी हैं जो ज्योतिष शास्त्र में शुभ योगों में गिने जाते हैं।  24  जून सुबह 06 बजकर 06 मिनट तक शुभ योग रहेगा इसके बाद शुक्ल योग आरंभ हो जाएगा।

पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की क्यों की जाती है पूजा
पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा वृश्चिक राशि पर संचार करेगा। वैशाख पूर्णिमा (Vaishakh Purnima) के दिन चंद्रमा की पूजा का भी विधान है। रात के समय चंद्रमा की पूजा करने से चंद्रमा की शुभता प्राप्त होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा करने से चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है और कुंडली में चंद्रमा की शुभता में वृद्धि होती है।

ज्येष्ठ पूर्णिमा की तिथि, मुहूर्त एवं विशेष संयोग
हिंदी पंचाग के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा की तिथि 24 जून, दिन गुरुवार को पड़ रही है। गुरुवार या बृहस्पतिवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होने के कारण ज्येष्ठ पूर्णिमा विशेष फलदायी है। इसके अतिरिक्त ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस दिन सूर्य,मिथुन राशि में तथा चंद्रमा के वृश्चिक राशि में होने के कारण विशिष्ट संयोग का निर्माण हो रहा है।

ग्रहों का योग
ज्येष्ठ पूर्णिमा की तिथि में ग्रहों की स्थिति का विशेष संयोग बन रहा है. इस दिन ग्रहों की स्थिति जानते हैं-
वृष राशि (Vrish Rashi): बुध और राहु
मिथुन राशि (Mithun Rashi): सूर्य
कर्क राशि (Kark Rashi): मंगल और शुक्र
वृश्चिक राशि (Vrishchik Rashi): चंद्रमा और केतु
मकर राशि (Makar Rashi): शनि
कुंभ राशि (Kumbh Rashi): गुरु

ज्येष्ठ मास का समापन
पूर्णिमा की तिथि को ज्येष्ठ मास का समापन होगा। हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास को विशेष महत्व दिया गया है। इस मास में निर्जला अचला एकादशी, एकादशी, गंगा दशहरा, वट सावित्री पूजा, शनि जयंती जैसे पर्व और व्रत मनाए जाते हैं। पूर्णिमा की तिथि को ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत, संत कबीर जयंती, रानी दुर्गावती का बलिदान दिवस मनाया जाता है।

 

WebKhabar

2009 से लगातार जारी समाचार पोर्टल webkhabar.com अपनी विशिष्ट तथ्यात्मक खबरों और विश्लेषण के लिए अपने पाठकों के बीच जाना जाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Gmail पर सिग्नेचर क्यों करते हैं सेट? आप भी जानिए श्वेता तिवारी की बेटी का फिर दिखा हसीन अंदाज, आप भी देखकर हो जाएंगे हैरान बी टाउन की इन एक्ट्रेस ने शादी के बाद आखिर क्यों नहीं बदला सरनेम? मोदी सरकार की इन योजनाओं से आम लोगों को हुआ सीधा लाभ! IIFA 2023 में शामिल होने अबू धाबी पहुंचे ये पॉपुलर सितारे, देखिए