ज्येष्ठ मास का समापन आज ,25 जून से आरंभ हो रहा है हिंदू कैंलेडर का चौथा महीना

हिंदी पंचांग के अनुसार आषाढ़ का महीना 25 जून से प्रारंभ हो रहा है जो अगले महीने यानी 24 जुलाई 2021 को समाप्त होगा। आषाढ़ मास वर्ष का चौथा महीना होता है जो ज्येष्ठ मास के पश्चात प्रारंभ होता है।आषाढ़ मास शुक्रवार को कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ हो रहा है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ मास को बहुत ही महत्वपूर्ण मास माना गया है। आषाढ़ मास के प्रमुख व्रत-त्योहारों में जगन्नाथ रथयात्रा (Jagannath Rath Yatra) है। इसी महीने देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) के दिन से श्री हरि विष्णु (Shri Hari Vishnu) शयन के लिए चले जाते हैं जिसके कारण अगले चार माह तक शुभ कार्यों को करने की मनाही है। इसे चतुर्मास (Chaturmas) के नाम से भी जाना जाता है। इस मास में पड़ने वाली एकादशी तिथियों को महत्वपूर्ण माना गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, आषाढ़ माह में गुरु की उपासना सबसे फलदायी होती है। इस महीने में श्री हरि विष्णु की उपासना से भी संतान प्राप्ति का वरदान मिलता है। इस महीने में जल देव की उपासना का भी महत्व है। कहा जाता है कि जल देव की उपासना करने से धन की प्राप्ति होती है। इस वर्ष कब से प्रारंभ हो रहा है चतुर्मास यानी आषाढ़ का महीना।
ashadha month 2021 date
आषाढ़ महीना 2021 प्रारंभ तिथि: – 25 जून 2021, शुक्रवार
आषाढ़ महीना 2021 समापन तिथि: – 24 जुलाई 2021, शनिवार
आषाढ़ महीने का महत्व, ashadha maas mahatva, ashadha month significance
कामना पूर्ति का महीना यानी आषाढ़ का महीना ज्येष्ठ और सावन महीने के बीच में पड़ता है। यह महीना धार्मिक पहलू के आधार पर बहुत विशेष माना जाता है। इस महीने की शुक्ल पक्ष एकादशी से भगवान विष्णु शयन काल में चले जाते हैं। इसके बाद 4 महीने तक शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। जानकार बताते हैं कि हिंदू वर्ष के सभी महीनों के नाम चंद्रमा की स्थिति पर आधारित होते हैं। चंद्रमा जिस नक्षत्र में मौजूद होता है उस नक्षत्र के नाम से हिंदू वर्ष के महीनों का नाम रखा जाता है। ज्योतिष बताते हैं कि, आषाढ़ के महीने में चंद्रमा पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में मौजूद होता है, इसलिए इस महीने का नाम आषाढ़ रखा गया है। अगर इस महीने की पूर्णिमा उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में पड़ती है तो यह एकादशी तिथि अत्यंत कल्याणकारी होती है। यह योग सर्वोत्तम माना जाता है और इस नक्षत्र में 10 विश्वदेवों की उपासना का विधान है।
यह महीना स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है क्योंकि आषाढ़ महीने से वर्षा ऋतु की शुरुआत होती है। जानकार बताते हैं कि वर्षा ऋतु में रोगों का संक्रमण बढ़ जाता है इसीलिए लोगों को आषाढ़ के महीने में मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू जैसे कई रोगों से सतर्क रहना चाहिए।