पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दिया है। केसी के इस्तीफे के बाद पार्टी ने उनकी जगह राजीव रंजन को पार्टी का नया प्रवक्ता घोषित कर दिया है। जेडीयू के अंदर हुए इन बड़े बदलावों की जानकारी पार्टी के महासचिव आफाक अहमद खान ने दी है। बता दें कि केसी त्यागी, जो जेडीयू के एक लंबे समय से प्रमुख चेहरा रहे हैं।
वहीं एक बातची के दौरान केसी त्यागी ने कहा है कि 1984 से इस तरह की भूमिका में रहा। वह कपूर्री ठाकुर, बीजू पटनायक आदि का जमाना था। तब इस भूमिका को निभा रहा हूं। अब हर समय बात करने की उम्र नहीं रही, इसलिए राष्ट्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी छोड़ दी है। हालांकि, केसी त्यागी के इस्तीफे के पीछे कई और कारण छिपे हुए हैं, जिनमें उनके बयानों के कारण पार्टी के भीतर और बाहर उत्पन्न हुए मतभेद शामिल हैं। बताया यह भी जा रहा है कि उन्होंने पिछले कुछ समय में कई ऐसे बयान दिए जो पार्टी की आधिकारिक लाइन से अलग थे। उन्होंने कई मौकों पर पार्टी नेतृत्व या अन्य वरिष्ठ नेताओं से परामर्श किए बिना बयान जारी किए। इस कारण पार्टी के भीतर असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो गई और यह स्थिति धीरे-धीरे गंभीर हो गई। सूत्रों की मानें तो केसी त्यागी को इन्हीं कारणों की वजह से पद से इस्तीफा देना पड़ा है।
एनडीए में मतभेद की खबरें भी बनीं वजह
त्यागी के बयानों के कारण सिर्फ जेडीयू ही नहीं, बल्कि एनडीए के भीतर भी मतभेद की खबरें सामने आईं। खासकर विदेश नीति के मुद्दे पर, उन्होंने इंडिया गठबंधन के नेताओं के साथ सुर मिलाते हुए इजराइल को हथियारों की आपूर्ति रोकने के लिए एक साझा बयान पर हस्ताक्षर कर दिए। यह कदम जेडीयू नेतृत्व को असहज करने वाला था और इससे पार्टी के भीतर और बाहर विवाद बढ़ गया। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि के सी त्यागी की विदाई से जेडीयू में अंदरूनी मतभेदों की स्थिति को कम करने का प्रयास किया गया है, ताकि पार्टी एकजुट होकर आगे बढ़ सके। त्यागी के इस्तीफे के बाद पार्टी की आगे की रणनीति पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।
22 मई 2023 को मुख्य प्रवक्ता बनाया गया था
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ लंबे समय तक काम कर चुके किशनचंद त्यागी को जनता दल यूनाईटेड (जेडीयू) की 22 मई 2023 एक बार फिर इज्जत के साथ पद पर वापसी हुई थी। इस बार उन्हें विशेष सलाहकार बनाया गया, लेकिन मुख्य धारा में रखने के लिए राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता की जिम्मेदारी भी दी गई। राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता के पद से उन्हें मार्च महीने में हटाया गया था, तब उन्होंने कहा था कि वह पार्टी के किसी जिम्मेदारी वाले पद पर खुद काम नहीं करना चाहते हैं।