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इसरो ने रचा इतिहास, स्मॉल सेटेलाइट किया लॉन्च

नई दिल्ली – भारत ने एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम रोशन कर दिया है। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन ने अपने पहले स्मॉल सेटेलाइट लॉन्च व्हीकल मिशन एसएसएलवी को लॉन्च कर अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिख दिया है। इसरो के इस मिशन में एक अर्थ ऑब्जर्वेशन सेटेलाइट और एक स्टूडेंट सेटेलाइट लॉन्च कर दिया गया है। इस मिशन के अंतर्गत 34 मीटर लंबा और 120 टन वजनी एसएसएलवी.डी1 श्रीहरिकोटा के प्रक्षेपण केंद्र से सुबह 9.18 बजे उड़ान भरी। इसे इसरो ने 500 किलोग्राम से कम वजन वाले उपग्रहों को पृथ्वी की कम ऊंचाई वाली कक्षा में स्थापित करने के लिए एसएसएलवी को विकसित किया है।

पूरी हुई पहली उड़ान

इसरो से प्राप्त जानकारी के अनुसार एसएसएलवी की पहली उड़ान पूरी हो गई है। उपलब्ध डाटा के हिसाब से एसएसएसवी ने उम्मीद के मुताबिक सभी चरणों का प्रदर्शन किया। हालांकि टर्मिनल चरण के दौरान Data loss देखी जाती है। एसएसएलवी के द्वारा जो डाटा उपलब्ध कराया है उसका विश्लेषण किया जा रहा है।

मिशन के तहत भेजे दो उपग्रह

इसरो के इस मिशन में रॉकेट के जरिये बेहद कम समय व खर्च में 500 किलो तक के उपग्रह निचले परिक्रमा पथ पृथ्वी से 500 किमी ऊपर तक पर भेजे गए है। जानकारी के मुताबिक रविवार के मिशन में दो उपग्रह अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट 02 और आजादीसैट इस मिशन में भेजे कर भारत ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इतिहास रच दिया है।

छात्राओं ने किया है तैयार

इसरो के इस मिशन की सबसे खास बात है कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में देश के 75 स्कूलों की 750 छात्राओं ने मिलकर आजादी सैट का निर्माण किया है। इसरो के द्वारा उपलब्ध कराई गई इस मिशन की जानकारी के मुताबिक इस उपग्रह का वजन आठ किलोग्राम है। उपग्रह में सौर पैनल, सेल्फी कैमरे हैं। साथ ही लंबी दूरी के संचार ट्रांसपोंडर भी लगे हैं। उपग्रह 6 महीने तक सेवाएं देगा। इस मिशन की लागत 56 करोड़ रुपए है।

 

 

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