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इजराइली सेना ने गाजा पट्टी पर की एयरस्ट्राइक, अल जजीरा समेत कई मीडिया हाउस तबाह

तेल अवीव। यरुशलम की अल-अक्सा मस्जिद (Al-Aqsa Mosque) में भड़की हिंसा (Violence) के बाद से इजरायल (Israel) और फिलिस्तीन (Palestine) में संघर्ष चल रहा है। फिलिस्तीन के सशस्त्र चरमपंथी गुट हमास (Armed extremist group Hamas) के रॉकेट हमलों के जवाब में इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने गाजा पट्टी के इलाकों में शनिवार शाम को एयरस्ट्राइक (Airstrike) की। इजराइल ने एयर स्ट्राइक कर उस 12 मंजिला अपार्टमेंट को तबाह कर दिया, जहां अमेरिकी मीडिया एसोसिएट प्रेस (American Media Associate Press) और कतर के मीडिया हाउस अल जजीरा (Media House Al Jazeera) सहित कई समाचार समूहों के आॅफिस थे। हमले से पहले IDF ने एक अनाउंसमेंट कर लोगों से अपने घर खाली करने के लिए कहा था। ठीक एक घंटे बाद इजराइल के फाइटर प्लेन (Fighter plane) ने बमबारी शुरू कर दी। कुछ ही सेकेंड में 12 मंजिला बिल्डिंग तबाह हो गई।

इजराइल और हमास (इजराइल इसे आतंकी संगठन मानता है) के बीच जारी जंग में अब तक 126 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 31 बच्चे भी शामिल हैं। दोनों तरफ के हमलों में 950 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। मरने वालों में 9 इजराइली और बाकी फिलिस्तीनी हैं।





हमास ने 2300 रॉकेट दागे
IDF ने बयान जारी कर बताया कि शुक्रवार की रात 7 बजे से शनिवार सुबह 7 बजे तक गाजा पट्टी से 200 रॉकेट इजराइल पर छोड़े गए। इसमें से 100 से ज्यादा को आयरन डोम (Iron dome) ने हवा में मार गिराया। ये इजराइल की आबादी क्षेत्र में गिरने वाले थे। 30 मिसफायर (30 misfires) होकर गाजा पर ही गिर गए। सीरिया (Syria) की तरफ से भी शनिवार को 3 रॉकेट इजराइल पर दागे गए। इसमें से एक मिसफायर होकर सीरिया में ही गिर गया। अब तक हमास 2300 रॉकेट इजराइल की तरफ छोड़ चुका है।

दंगों में मारे गए 9 फिलिस्तीनी
इजराइल और फिलिस्तीन की जंग के बाद अब दोनों देशों में दंगे भी तेजी फैल रहे हैं। फिलिस्तीन के स्वास्थ्य विभाग (health Department) ने शुक्रवार को दंगों में करीब 9 लोगों के मारे जाने की बात कही है। IDF ने अपने बयान में कहा है कि गाजा के बाद अब वेस्ट बैंक की तरफ से इजराइल में पथराव और बम फेंके जाने की घटनाएं शुरू हो गई हैं। IDF के मुताबिक दंगों में 3,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी शामिल हैं। दंगों के सबसे ज्यादा मामले यरुशलम, लॉड, हाइफा और सखनिन शहर में सामने आए हैं। हालात इतने खराब हो गए कि लॉड शहर में इमरजेंसी लगानी पड़ी। 1966 के बाद ऐसा पहली बार है जब दंगों की वजह से यहां इमरजेंसी लगाई गई है।

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