सियासी तर्जुमा
तो क्या कमलनाथ की ‘छुट्टी’ होने वाली है मध्य प्रदेश से ?

मध्य प्रदेश में कांग्रेस (Congress) को लेकर हलचल फिर बढ़ गयी है। कमलनाथ (Kamal Nath) सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा (Sajjan Singh Verma) के एक बयान से यह स्थिति बनी है। वर्मा ने आज दावा किया कि अगले पंद्रह दिन में पार्टी की राज्य इकाई में बड़े बदलाव होंगे। हालाँकि वर्मा को कमलनाथ के कट्टर समर्थकों में गिना जाता है, लेकिन उनके इस कथन को प्रदेश अध्यक्ष पद पर कमलनाथ की जगह किसी नए चेहरे के आने की संभावना के तौर पर भी देखा जा रहा है।
वर्मा का यह बयान ऐसे समय आया है, जब कल (रविवार) से ही प्रदेश अध्यक्ष नाथ ने पार्टी की बैठकें लेने का सिलसिला शुरू किया है। इसमें यूं तो नगरीय निकाय तथा उप चुनावों की रणनीति को लेकर बात होना है, लेकिन माना जा रहा है कि इस दौरान प्रदेश संगठन की स्थिति पर भी विचार किया जा रहा है। वर्मा ने मीडिया से कहा कि अगले एक पखवाड़े में कांग्रेस में बड़े बदलाव देखने मिलेंगे। उनके इस कथन पर नाथ या प्रदेश के किसी भी अन्य वरिष्ठ नेता की अब तक कोई टिप्पणी नहीं आयी है।
हाल ही में यह चर्चा भी चली थी कि नाथ को कांग्रेस का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। हालांकि किसी भी स्तर पर इस खबर की कोई पुष्टि अब तक नहीं हो सकी है। यदि नाथ फिर केंद्रीय राजनीति में भेजे जाते हैं तो फिर प्रदेश अध्यक्ष तथा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद से उनका इस्तीफ़ा तय माना जा रहा है। राज्य में नाथ के विकल्प के तौर पर सज्जन सिंह वर्मा सहित जीतू पटवारी(Jeetu Patwari), कमलनाथ के सांसद पुत्र नकुल नाथ (Nakul Nath) और दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के विधायक बेटे जयवर्द्धन सिंह (Jaywarddhan Singh)का नाम भी चल रहा है। पूर्व मंत्री दिवंगत इंद्रजीत पटेल (Indrajit Patel) के बेटे कमलेश्वर (Kamleshwar Patel) भी इस पद के दावेदारों में शामिल बताये गए हैं।
राज्य में कमलनाथ सरकार के समय से पूर्व गिर जाने के बाद से ही पार्टी में नेतृत्व के परिवर्तन की चर्चाएं चल रही हैं। हालांकि हाल ही में दिल्ली में कमलनाथ पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) तथा महासचिव प्रियंका वाड्रा (Priyanka Vadra) से मिले थे। इसके बाद मीडिया से चर्चा में नाथ ने कहा था कि वह किसी भी सूरत में मध्यप्रदेश को नहीं छोड़ेंगे। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर नाथ को सोनिया ने अभयदान दे दिया है। हालांकि वर्मा का आज का कथन कुछ और ही संकेत कर रहा है। इससे यह संभावना भी जताई जा रही है कि नाथ ही प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए संगठन में व्यापक बदलाव की तैयारी में जुट गए हैं।