मध्यप्रदेशसियासी तर्जुमा

क्या भाजपा का लोधी वोटबैंक खतरे में है ? आखिर प्रीतम सिंह लोधी की घर वापसी की कवायद में क्यों जुटी भाजपा ?

मध्यप्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं। बीजेपी-कांग्रेस सभी वर्गों को साधने के लिए तानाबाना बुनने लगे हैं। खासतौर पर भाजपा एक्टिव मोड में है। वह इस वक्त किसी भी कीमत पर किसी भी वर्ग की नाराजगी नहीं चाहती है।

मध्यप्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं। बीजेपी-कांग्रेस सभी वर्गों को साधने के लिए तानाबाना बुनने लगे हैं। खासतौर पर भाजपा एक्टिव मोड में है। वह इस वक्त किसी भी कीमत पर किसी भी वर्ग की नाराजगी नहीं चाहती है। इसलिए भाजप ने अब अपने रुठे और नाराज नेताओं को मनाने का जतन भी शुरु कर दिया है। इसी बीच अब भाजपा को उस नेता की याद सताने लगी है। जिसको ब्राह्मण समाज पर टिप्पणी करने की वजह से पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। इस नेता का नाम है। प्रतीम सिंह लोधी। ये वो नेता हैं जिनका शिवपुरी इलाके में अच्छा खासा प्रभाव है। साथ ही लोधी समाज में भी खासी पकड़ रखते हैं। इतना ही नहीं प्रतीम लोधी उमा भारती के बेहद करीबी माने जाते हैं। या यूं कहे कि उमा भारती के मुंह बोले भाई भी हैं। ऐसे में सीएम शिवराज खुद उमा भारती को भी मनाने में जुटे हैं। साथ में प्रीतम लोधी की घर वापसी के लिए भी तानाबाना बुना जा रहा है। लेकिन ऐसे में सवाल यही है कि प्रतीम लोधी को पार्टी से निष्सकासित किये अभी एक साल ही हुआ है। और उनकी पार्टी में वापसी कराने की पटकथा क्यों लिखी जाने लगी है। आखिर एक साल में ऐसा क्या बदल गया।

प्रतीम लोधी ने खुद किया दावा

प्रीतम लोधी की घर वापसी की कहानी ये हम नहीं सुना रहे हैं। बल्कि उन्होने खुद दावा किया है कि सीएम शिवराज से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया और सरकार के अन्य कद्दावर मंत्री उन्हे वापसी के लिए आमंत्रण दे चुके हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि तीन मार्च को शिवराज और सिंधिया की शिवपुरी में होने वाली रैली से पहले उमा भारती को मनाने के लिए शिवराज सोमवार को उनके घर पहुंचे और उनके पैरों को छूकर आशिर्वाद लिया तो दूसरी तरफ प्रीतम सिंह लोधी की घर वापसी के लिए पठकथा लिखी जा चुकी है। माना जा रहा है कि 3 मार्च के बाद प्रतीम लोधी की पार्टी में वापसी किसी भी समय हो सकती है। प्रतीम लोधी ने एक न्यूज चैनल को दिये इटरव्यू में दावा किया है कि पिछले 15 दिन के अंदर बीजेपी के चार बड़े नेता उनसे बीजेपी में शामिल होने के लिए कह चुके हैं। लेकिन उन्होंने अभी उसे स्वीकार नहीं किया है। प्रीतम लोधी ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया, मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री नरोत्तम मिश्रा और भूपेंद्र सिंह जैसे दिग्गज नेताओं से बातचीत हुई है। प्रीतम का दावा है कि इन चारों वरिष्ठ नेताओं ने उनसे बीजेपी में शामिल होने का न्योता दिया है। इस बात पर मैंने उनसे साफ तौर पर कहा आप पिछोर की जनता से बात करो, क्योंकि मेरे राजनीतिक फैसले का निर्णय पिछोर की जनता तय करेगी। पिछोर की जनता की राय जानने के लिए शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया तीन मार्च को पिछोर में रैली करने आ रहा हैं।

ब्राह्मण समाज पर टिप्पणी के बाद किया था निष्कासित

भाजपा ने प्रीतम लोधी को पार्टी से इसलिए निष्कासित कर दिया था कि उन्होने ब्राह्मणों और कथावाचकों पर विवादित बयान दिया था। लेकिन इस बात को पूरे एक साल बीत चुके हैं। जिसके बाद भाजपा ने विधानसभा चुनाव को देखते हुए फिर से प्रीतम लोधी की घर वापसी के लिए तानाबाना बुनना शुरु कर दिया है। माना जा रहा है कि तीन मार्च को शिवराज और सिंधिया की शिवपुरी में होने वाली रैली के बाद प्रतीम लोधी की पार्टी में वापसी किसी भी समय हो सकती है।

क्या प्रतीम को निष्कासित करने की वजह से नाराज थी उमा?

मध्य प्रदेश में लोधी समाज बीजेपी का मजबूत वोटबैंक रहा है। उमा भारती की शिवराज सरकार से नाराजगी उनके करीबी प्रीतम लोधी के बीजेपी से निष्कासन किए जाने की एक बड़ी वजह रही। उमा भारती काफी दिनों से अपनी ही पार्टी से तल्खी लगातार बढ़ती जा रही थी। उमा करीबी प्रीतम लोधी ने ब्राह्मण समाज पर टिप्पणी के बाद माफी मांग ली थी, लेकिन इसके बाद भी उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। इस बात को लेकर उमा भारती और लोधी समाज दोनों ही अपने आक्रामक तेवर दिखाना शुरू कर दिया था। प्रीतम सिंह लोधी ने पहले से ही बीजेपी के खिलाफ मध्य प्रदेश में मोर्चा खोल रखा है और अपने लोधी समुदाय को बीजेपी से दूरी बनाए रखने की नसीहत दे रहे हैं। 2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सबक सिखाने का अल्टीमेटम भी दे सार्वजनिक रूप से दे रहे थे। ऐसे में बीजेपी को अपना सियासी समीकरण गड़बड़ाता नजर आ रहा था, जिसके चलते ही शिवराज सिंह चौहान उमा भारती से लेकर प्रीतम सिंह लोधी तक मनाने में जुट गए हैं।

प्रदेश में लोधी समाज की भूमिका

मध्य प्रदेश में भले ही चार से पांच फीसदी लोधी समुदाय के वोटर्स हैं, लेकिन राज्य की 232 विधानसभा सीटों में से करीब पांच दर्जन सीटों पर सियासी प्रभाव रखते हैं और एक दर्जन लोकसभा सीट पर भी वह प्रभावी हैं। मध्य प्रदेश के हौशंगाबाद, जबलपुर, खजुराहो, सागर, नरसिंगपुर, भांदरा, मंडला, छिंदवाडा और दमोह आदि जिलों में लोधी समुदाय बड़ी संख्या में हैं। इसी तरह लोधी महाकौशल, बुंदलेखंड और ग्वालियर-चंबल के इलाके में निर्णायक भूमिका में नजर आते हैं। ऐसे में भाजपा बिल्कुल नहीं चाहेगी कि उसका सबसे बड़ा वोटबैंक रहा लोधी आसानी से छटक जाए। जिसके लिए भाजपा उमा भारती को मनाने के जतन तो कर ही रही है। साथ में प्रतीम सिंह लोधी को भी पार्टी में शमिल कर लोधी समाज को बड़ा सियासी संदेश देना चाहती है।

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