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अनियमित पीरियड्स बनते है आर्टरीज ब्लॉकेज का कारण

लगभग 14 से 25 प्रतिशत महिलाएं अनियमित पीरियड्स की समस्‍या से जूझ रही हैं। एक अध्‍ययन के अनुसार जिन महिलाओं को 40 दिन से अधिक समय तक पीरियड्स नहीं होते उन्‍हें प्रेग्नेंसी कंसीव करने में समस्‍या, हाई बीपी और डायबिटीज के अलावा हार्ट प्रॉब्‍लम होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

हेल्थ डेस्क : आजकल की दौड़-भाग भरी जिंदगी में अक्सर महिलाएं खुद की फिटनेस को लेकर ध्यान नहीं दे पाती है। ऐसे में अनियमित पीरियड्स की समस्या होना आम बात है, लेकिन अगर ये समस्या लगातार बनी रहती है, तो ऐसे में हार्ट से संबंधित समस्या का महिलाओं को सामना करना पड़ सकता है। लगभग 14 से 25 प्रतिशत महिलाएं अनियमित पीरियड्स की समस्‍या से जूझ रही हैं। एक अध्‍ययन के अनुसार जिन महिलाओं को 40 दिन से अधिक समय तक पीरियड्स नहीं होते उन्‍हें प्रेग्नेंसी कंसीव करने में समस्‍या, हाई बीपी और डायबिटीज के अलावा हार्ट प्रॉब्‍लम होने का खतरा भी बढ़ जाता है। चलिए जानते हैं कैसे अनियमित पीरियड्स हार्ट पर प्रभाव डाल सकते हैं।

आर्टरीज पर पड़ता है असर
अनियमित पीरियड्स की समस्‍या महिलाओं के अलावा टीनएजर्स में भी देखी जा सकती है, लेकिन ये जरूरी नहीं कि हर महिला को हार्ट से संबंधित समस्‍या का सामना करना पड़े। हार्ट से संबंधित समस्‍या उन महिलाओं को अधिक होती है। जिन्‍हें अनियमित पीरियड्स, लंबे समय तक चलने वाले पीरियड्स और पीरियड्स न आने की समस्‍या होती है। पीरियड्स समय पर न आने की वजह से मोटापा बढ़ सकता है, जो हार्ट पर प्रभाव डाल सकता है। अधिक मोटापा होने पर आर्टरीज में ब्‍लॉकेज की समस्‍या हो सकती है।

पीसीओएस भी डालता है प्रभाव
पीसीओएस यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की वजह से भी अनियमित पीरियड्स की समस्‍या हो सकती है। बिगड़ता हार्मोन फंक्‍शन, हाई कोलेस्‍ट्रॉल लेवल और हाई बीपी हार्ट डिजीज और कैंसर को बढ़ावा दे सकता है। एक्‍सरसाइज की कमी, धूम्रपान, अनहेल्‍दी डाइट और मोटापा अनियमित पीरियड्स के लिए भी जिम्‍मेदार हो सकते हैं। पीरियड्स से जुड़ी किसी भी समस्‍या को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। अनियमित पीरियड्स की समस्‍या कई हेल्‍थ प्रॉब्‍लम्‍स को बढ़ावा दे सकती है।

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