बैंक छोड़ शेयर बाजारों में अपना पैसा क्यों लगा रहे लोग, जाने कमाई का नया ट्रेंड

व्यापार: नई दिल्ली। बैंकों (banks) में बचत खाते (savings accounts) से लेकर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर मिलने वाले ब्याज (Interest) में अपने पैसे को बढ़ाने का तरीका पुराना होता जा रहा है। अब लोग यानी आम निवेशक (common investor) स्टाक मार्केट (stock market) की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
अब खुदरा निवेशकों को बैंक की जगह बाजार लुभा रहा है। यही वजह है कि पिछले 16 महीनों में बाजार में निवेश करने के लिए दो करोड़ नए डीमैट खाते (Demat account) खोले गए।
सरकार की मंशा भी यही है कि लोग अपना पैसा बाजार में लगाए। इससे नई-नई कंपनियों को बाजार में उतरने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। वहीं, बाजार से होने वाली कमाई के मामले में टैक्स चोरी नहीं की जा सकती है।
स्टाक मार्केट से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जून के आखिर में सेंट्रल डिपोजिटरी सर्विस (CDSL) और नेशनल सिक्युरिटीज डिपोजिटरी (NSDL) पर डीमैट खातों की संख्या छह करोड़ हो गई।
पिछले साल फरवरी में इन दोनों प्लेटफार्म पर 4.02 करोड़ डीमैट खाते थे। डीमैट के साथ एसआइपी खाते भी बढ़ रहे हैं। एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया (Association of Mutual Funds in India) के आंकड़ों के मुताबिक इस साल 31 मई तक एसआइपी खातों की संख्या 3,88,35,530 थी, जो 30 जून तक बढ़कर 4,02,02,651 हो गई।
बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, रेपो रेट (repo rate) चार फीसद होने के बाद से फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दर 2.9 से 5.4 फीसद के बीच चल रही है। सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) पर 7.6 फीसद, वरिष्ठ नागरिक बचत स्कीम (Senior Citizen Savings Scheme) पर 7.4 फीसद, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (public provident fund) पर 7.1 फीसद और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर 6.8 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, अमूमन ऐसा देखा जाता है कि बाजार में पांच साल के लिए पैसा लगाने पर 10-12 फीसद की दर से रिटर्न मिल जाता है। कोरोना काल में लोग स्टाक मार्केट में ट्रेडिंग के प्रति आकर्षित हुए।
सेंसेक्स अभी 52,000 के स्तर को पार कर चुका है, जबकि पिछले साल मार्च में सेंसेक्स 26,000 के स्तर था। इस हिसाब से देखा जाए तो पिछले साल अप्रैल-मई में बाजार में निवेश करने वालों को काफी अच्छी कमाई हुई।
विशेषज्ञ इस बात को लेकर भी आशंका जाहिर कर रहे हैं कि रिटेल निवेशकों का रुझान सेंसेक्स के बेहतर प्रदर्शन पर निर्भर करता है। स्टाक मार्केट में जो तेजी है, वह किस हद तक स्थायी है, इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। एक तरफ स्टाक मार्केट बढ़ रहा है, जबकि वास्तविक अर्थव्यवस्था प्रभावित दिख रही है। वहीं, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने पिछले वित्त वर्ष में भारत में 36.18 अरब डॉलर का निवेश किया है। बाजार में तेजी का यह भी कारण हो सकता है।