भोपाल

उर्वरक की मांग घर बैठे ऑनलाइन कर सकेंगे

किसानों के लिए जिला प्रशासन की पहल

शाजापुर। जिले में अब किसान अपनी जरूरत के उर्वरक की मांग घर बैठे ऑनलाइन कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें समितियों के चक्कर भी नहीं लगाना पड़ेगा। यह संभव हुआ है कलेक्टर श्री दिनेश जैन द्वारा आज शुभारंभ किए गए स्मार्ट फर्टिलाईजर डिस्ट्रीब्यूशन एप्प से। कलेक्टर जैन द्वारा किसानों को मांग अनुरूप उर्वरकों की आपूर्ति के लिए जिले में नवाचार करते हुए स्मार्ट फर्टिलाईजर डिस्ट्रीब्यूशन एप्प का निर्माण कराया गया है। कलेक्टर ने बताया कि शुरू किये गये एप्प से किसानों को सहूलियत होगी। वर्तमान में इस एप्प का फीचर-1 लाँच किया गया है, इसमें अभी 10 सोसायटियों को जोड़कर इसका परीक्षण किया जायेगा। सफल होने पर इसे अन्य सोसायटियों पर भी लागू कर दिया जायेगा। कलेक्टर ने बताया कि जिले में वर्तमान में लगभग 99 हजार किसान है। जिनमें से 68 हजार किसान सोसायटियों से उर्वरक प्राप्त करने के लिए पात्र हैं और लगभग 30 हजार किसान जो कि ऋण नहीं चुकाने के कारण डिफाल्टर हैं। कलेक्टर ने बताया कि डिफाल्टर किसानों को भी उर्वरक प्राप्त हो, इसके लिए जिले को प्राप्त होने वाले उर्वरकों में से 70 प्रतिशत उर्वरक सोसायटियों को एवं 30 प्रतिशत उर्वरक निजी क्षेत्र में लिया जाता है।

एप पर दिखेगी मात्रा

निजी क्षेत्र में दिये जाने वाले उर्वरकों की प्रॉपर मॉनिटरिंग हो, इसके लिए एप्प पर निजी क्षेत्र के विक्रेताओं को प्रदाय किये जाने वाले उर्वरकों की मात्रा प्रदर्शित की जायेगी। साथ ही एप्प पर ही यह भी दिखाया जायेगा कि किस दुकान पर कितना उर्वरक शेष है। इस एप्प से किसान भाई अपनी पसंद की खाद डिमांड कर सकते हैं एवं उसे प्राप्त कर सकते है। एप्प चलाना बहुत ही सरल एवं मातृभाषा में है। कृषकों को खाद प्राप्त करने के लिए मोबाईल पर ही सूचना मिलेगी। कृषक भाई एप्प के माध्यम से ही कौन-कौन सी खाद बुक की हैं, देख सकते है। कृषक भाई अपने घर बैठे-बैठे एप्प के माध्यम से खाद की मांग भेज सकते है। सोसायटी में कौन-कौन सी खाद उपलब्ध है, कि जानकारी मिलती रहेगी। इससे कृषकों के समय की बचत होगी। समय पर मांग भेजने की सुविधा, कितने रकबे में कितना खाद लगेगा, गणना स्वत: हो जायेगी। खाद प्राप्ति के लिए कब सोसायटी जाना है, इसकी सूचना मिलेगी। उर्वरक वितरण में छोटे कृषकों को प्रथमिकता मिलेगी। सोसायटी में परमिट बनने में लगने वाले समय की बचत होंगी, परमिट ऑटोमेटिक बनेगा।

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