इंदौरः अफसर के खिलाफ धोखाधड़ी मामले में चालान पेश, शासन ने किया सस्पेंड
निजी स्कूलों को गलत मान्यता देने के मामले में हुआ था केस दर्ज

इंदौर। लोक शिक्षण विभाग ने इंदौर के जिला परियोजना समन्वयक अक्षय सिंह राठौर को सस्पेंड कर दिया है। उन पर धोखाधड़ी सहित कुल छह धाराओं में पुलिस केस दर्ज हुआ था। चालान पेश होने के छह महीने बाद अंततः उन्हें सस्पेंड कर दिया गया।
सस्पेंड का आदेश विभाग द्वारा आज जारी किया गया। जानकारी के मुताबिक इंदौर के जिला परियोजना समन्वयक अक्षय सिंह राठौर (मूल पद प्राचार्य उमावि) के खिलाफ थाना राजेंद्र नगर में धोखाधड़ी की धारा 420, 466, 468 और 34 तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 (ग) और 66 (घ) में केस दर्ज किया गया था। कोर्ट में दिसंबर 2022 में उनके खिलाफ चालान पेश हो चुका था। सस्पेंड अब किया गया।
जिला शिक्षा अधिकारी के पासवर्ड का गलत उपयोग किया
राठौर पर आरोप है कि उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी के लॉग इन और पासवर्ड का गलत इस्तेमाल कर नौ निजी स्कूलों को अनधिकृत रूप से मान्यता प्रदान कर दी थी। दस्तावेजी शिकायतों और जाँच में मामला सही पाए जाने के बाद उन पर केस दर्ज किया गया था। सरकार ने उनके इस कृत्य को अनुशासनहीनता और कदाचरण माना है। सस्पेंड रहने के दौरान उनका मुख्यालय संभागीय संयुक्त संचालक, इंदौर रहेगा।
लगातार विवादों में है विभाग
स्कूलों को मान्यता देने और परीक्षा केंद्र बनाने के मामले में इंदौर का शिक्षा विभाग बीते कई सालों से लगातार विवादों में बना हुआ है। एक ही पते पर तीन-तीन-चार स्कूल चलने, तय मापदंडों का पालन नहीं करने, छोटे से कमरे में बड़ा स्कूल दर्शाने जैसी तमाम शिकायतों के बाद भी निजी स्कूलों को मान्यता मिलती रही है। कभी स्कूल संचालकों के खिलाफ जाँच होती है, कभी विभाग के खिलाफ। पहले भी कई मामले पुलिस तक जा चुके हैं। कुछ स्कूल संचालकों के खिलाफ भी केस दर्ज हो चुके हैं।