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हॉकी में भारत की बेटियों ने ओलंपिक में रचा इतिहास, कंगारुओं को मात दे सेमीफाइनल में बनाई जगह

ताजा खबर : टोक्यो। टोक्यो ओलंपिक Tokyo Olympics() में भारत की बेटियों daughters of india() ने आज नया इतिहास (new history) बना दिया है। भारतीय महिला हॉकी टीम (Indian women’s hockey team) ने क्वार्टर फाइनल के इस बड़े मुकाबले में कंगारुओं (Kangaroos) को 1-0 से कड़ी मात देकर इतिहास में पहली बार सेमीफाइनल में अपनी जगह बना ली है। भारत की तरफ से एकमात्र गोल गुरजीत कौर (Gurjit Kaur) ने दागा। भारतीय टीम पूरे मैच में आस्ट्रेलियाई टीम (australian team) पर हावी रही और लगातार अटैकिंग गेम को जारी रखा।

गुरजीत ने 22वें मिनट में पेनल्टी कार्नर पर यह महत्वपूर्ण गोल किया। इसके बाद Indian team ने अपनी पूरी ताकत गोल बचाने में लगा दी जिसमें वह सफल भी रही। गोलकीपर सविता (Goalkeeper Savita) ने बेहतरीन खेल दिखाया और बाकी रक्षकों ने उनका अच्छा साथ दिया। भारतीय टीम मास्को ओलंपिक 1980 में चौथे स्थान पर रही थी लेकिन केवल छह टीमों ने हिस्सा लिया था और मैच राउंड रोबिन आधार पर खेले गए थे।

अब सेमीफाइनल में भारत का सामना 4 अगस्त को अर्जेंटीना ()Argentina से होगा, जिसने जर्मनी (Germany) को 3-0 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई है। भारतीय पुरुष टीम (Indian men’s team) पहले ही सेमीफाइनल में जगह बना चुकी है। पहले क्वार्टर में भारतीय खिलाड़ियों ने कुछ बेहतरीन मौके बनाए, लेकिन वह गोल नहीं कर सकी। खेल के नौंवे मिनट में वंदना कटारिया (Vandana Kataria) का शॉट पोस्ट पर लगते हुए बाहर निकल गया। आस्ट्रेलिया के पास भी गोल करने के मौके थे, लेकिन भारतीय डिफेंस को वह भेद नहीं पाई।





दूसरे क्वार्टर में आस्ट्रेलिया का पलड़ा शुरूआती पांच मिनट तक काफी भारी रहा। इस दौरान आस्ट्रेलिया को तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन भारतीय गोलकीपर और डिफेंडरों ने इस मौके को नाकाम कर दिया। फिर भारत को मैच के 22वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला, जिसे ड्रैग फ्लिकर गुरजीत कौर (Drag Flicker Gurjit Kaur) ने गोल में तब्दील कर भारत को 1-0 की बढ़त दिला दी।

तीसरे और चौथे क्वार्टर में आस्ट्रेलिया को कुल छह पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन भारतीय रक्षापंक्ति ने इन मौकों को फिर से नाकाम कर दिया। हालांकि तीसरे क्वार्टर के 43वें एवं 44वें मिनट में भारत को भी स्कोर करने करने के मौके मिले। लेकिन नवनीत कौर और रानी रामपाल इसे भुना नहीं सकीं।

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