महिला की नृशंस हत्या से ‘खौला’ भारत का ‘खून’, अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए पाकिस्तान को चेताया
पाकिस्तान में लगातार से ही अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के मामले सामने आते रहे है। हाल ही में सिंध प्रांत में एक हिंदू महिला दया भील की नृशंस हत्या का मामला सामने आया था।
ताजा खबर : पाकिस्तान में लगातार से ही अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के मामले सामने आते रहे है। हाल ही में सिंध प्रांत में एक हिंदू महिला दया भील की नृशंस हत्या का मामला सामने आया था। जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान से अल्पसंख्यकों की रक्षा की बात कही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हमने इस मामले की रिपोर्ट देखी है, हालांकि इसकी स्पष्ट जानकारी उनके पास नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद हमने दोहराया है कि पाकिस्तान को अपने अल्पसंख्यकों की रक्षा, सुरक्षा और कल्याण करना चाहिए, जो उनकी जिम्मेदारी है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिंदू महिला दया भील की क्रूरतम हत्या के बाद से ही बवाल मचा हुआ है।
सिर काटकर उतार ली थी चमड़ी
घटना की जानकारी मिलने के बाद पाकिस्तान के सिंध प्रांत में पीपीपी सीनेटर कृष्णा कुमारी तत्काल मृतका दया भील के गांव पहुंची। उन्होंने महिला की नृशंस हत्या की खबर पर मुहर लगाई। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि 40 साल की विधवा दया भील की क्रूर तरीके से हत्या कर दी गई और उनका शव बहुत बुरी हालत में मिला है। दया भील का सिर धड़ से अलग कर दिया गया था और हत्यारों ने उनके सिर से खाल उतार ली थी। उनके गांव में सिन्झोरो और शाहपुरचकर की पुलिस पहुंची थी।
मौत पर किसी ने जारी नहीं किया जवाब
एनजीओ द राइज न्यूज ने ट्वीट कर लिखा कि दया भील की हत्या को मीडिया में नहीं उठाया गया। सिंध प्रांत और इस्लामाबाद के किसी राजनेता ने इस बारे में बयान जारी नहीं किया। क्या पुलिस ने अपराधियों को पकड़ा है? क्या हिंदुओं को अपने मातृभूमि सिंध में एकसमान नागरिक माना जाएगा?
A mother of four children, Diya Bheel’s mutilated body found in Sanghar https://t.co/RXCGEjbRNP by @therisenews_
She was brutally murdered and beheaded: her face’s skin was peeled, and her breasts were chopped.#JusticeForDayaBheel pic.twitter.com/dITWpp2fBe— The Rise News (@Therisenews_) December 29, 2022
ब्रिटेन ने लगाए थे मौलाना पर प्रतिबंध
टोरंटो स्थित एक थिंक टैंक के अनुसार, हाल ही में ब्रिटेन की सरकार ने मुस्लिम मौलाना मियां अब्दुल हक पर जबरन धर्मपरिवर्तन और अल्पसंख्यक लड़कियों-महिलाओं की शादी के चलते प्रतिबंध लगाए हैं। इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी ने कहा कि ताजा प्रतिबंधों ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की बदतर स्थिति को फिर से सुर्खियों में ला दिया है। मियां अब्दुल हक को पाकिस्तान के स्थानीय मीडिया संस्थान द डॉन ने एक विवादित सिंधी पीर कहा है। मौलाना पर लगे प्रतिबंध भ्रष्टाचारी एक्टरों पर लगने वाले प्रतिबंधों की एक नई लहर हैं. जो मानवाधिकारों का उल्लंघन और यौन उत्पीड़न के आरोपी हैं।
मियां अब्दुल पीपीपी का रहा है नेता
इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी के अनुसार, 2008 से 2013 तक मियां अब्दुल हक पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी का सांसद रहा है. उसे जबरन धर्मपरिवर्तन और अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की एक लड़की रिंकल कुमारी की शादी करवाने के लिए पार्टी से निकाल दिया गया था. इस पीर को आमतौर पर मियां मिठू के नाम से जाना जाता है.
सिंध प्रांत में मियां मिठू का कहर
पाकिस्तानी अखबार द डॉन की मानें, तो मियां मिठू पर सिंध प्रांत में नाबालिग हिंदू लड़कियों के जबरन धर्मपरिवर्तन और शादियों के आरोप लगते रहते हैं. इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी की रिपोर्ट बताती है कि ब्रिटेन के प्रतिबंध लागू होने के बाद संबंधित शख्स देश में यहां के नागरिकों या कंपनियों से कोई भी व्यापार या आर्थिक गतिविधि नहीं कर पाएंगे. उनके ब्रिटेन में प्रवेश पर भी रोक रहेगी.
पाकिस्तान में मानवाधिकारों की हालत खराब
एक्टिविस्ट का कहना है कि पाकिस्तान में मानवाधिकारों की हालत बेहद खराब है। कई मीडिया रिपोर्ट और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने पाकिस्तान में महिलाओं, अल्पसंख्यकों, बच्चों और मीडियाकर्मियों के हालातों को बुरा बताया है। सिंध में जबरन धर्मपरिवर्तन और अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. पाकिस्तान में नाबालिग अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, ईसाई लड़कियों के जबरन धर्मपरिवर्तन एक सामान्य सी घटना हो चुके हैं।