टोक्यो ओलंपिक: भारतीय हॉकी टीम के पास आज फिर इतिहास दोहराने का मौका

खेल : टोक्यो। टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) का आज 10वां दिन है। 8 बार की ओलंपिक चैंपियन भारतीय हॉकी टीम (Indian hockey team) के पास आज एक बार फिर इतिहास (History) दोहराने का मौका है। भारत आज अपना क्वार्टर फाइनल का मुकाबला ब्रिटेन (Britain) के साथ खेलेगी और विपक्षी टीम को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाने की पूरी कोशिश करेगी। दोनों टीमों के बीच यह मुकाबला शाम को खेला जाएगा। बता दें कि भारत और ब्रिटेन के बीच ओलंपिक में अब तक 8 मुकाबले खेले गए हैं जिसमें दोनों टीमें 4-4 विजयी रही हैं, लेकिन रैंकिंग के हिसाब से भारत तीसरे और ब्रिटेन पांचवें पायदान पर है।
भारतीय हॉकी टीम विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर
भारतीय हॉकी टीम ने पिछले पांच सालों में अपने प्रदर्शन खासा सुधार किया है। अपने प्रदर्शन के दम पर ही अब टीम इंडिया विश्व रैंकिंग (world ranking) में तीसरे स्थान पर पहुंच गई है। ज्ञात हो कि 2008 में बीजिंग ओलंपिक (Beijing Olympics) और फिर 2016 के रियो ओलंपिक (Rio Olympics) में कुछ खास नहीं कर पाई थी जिसके कारणा भारतीय हॉकी टीम का ग्राफ बहुत निचले स्तर पर चला गया था। टोक्यो ओलपिंक में भारतीय हॉकी टीम ने अब तक शानदार प्रदर्शन किया है। टीम अपने 5 में से 4 मैच जीतकर ग्रुप ए में दूसरे स्थान पर है, जबकि दूसरी ओर ब्रिटेन ने दो जीत दर्ज की और दो हार तथा एक ड्रॉ के बाद वह पूल-बी में तीसरे स्थान पर रही।
ओलंपिक में भारत को आखिरी पदक 1980 में मॉस्को में मिला था, जब वासुदेवन भास्करन (Vasudevan Bhaskaran) की कप्तानी में टीम ने पीला तमगा जीता था। उसके बाद से भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई और 1984 लॉस एंजेलिस ओलंपिक (Los Angeles Olympics) में पांचवें स्थान पर रहने के बाद वह इससे बेहतर नहीं कर सकी।
… टीम आखिरी मिनट तक हार नहीं मानती
दो साल पहले कोच बने आस्ट्रेलिया के ग्राहम रीड के आने के बाद से खिलाड़ियों का आत्मविश्वास, आत्मबल और फिटनेस का स्तर बढ़ा है। पहले दबाव के आगे घुटने टेकने वाली टीम अब आखिरी मिनट तक हार नहीं मानती। मनदीप सिंह की अगुआई में फॉरवर्ड पंक्ति को हालांकि मौकों को भुनाना होगा। भारत की ताकत मिडफील्ड है, जिसमें कप्तान मनप्रीत सिंह और नीलाकांता शर्मा होंगे।