MP में खाद का नहीं संकट, किसानों को उपलब्ध कराएं आसानी से: CM का कड़ा निर्देश
किसानों को आसानी से खाद मिले। वितरण केंद्र के पास टेंट, बैठक व्यवस्था और पेयजल का प्रबंध रहे। किसान को लाइन न लगाना पड़े, उसका समय और ऊर्जा जाया न हो, इसके लिए कलेक्टर्स पूरी व्यवस्था पर निगरानी रखें।
भोपाल। मध्यप्रदेश के किसान इस समय खाद की समस्याओं से जूझ रहे हैं। कुछ जिलों के किसानों के हालात ऐसे हैं खाद के लिए रात भर लाइन में लगे रहने के बाद सुबह उनको खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। किसानों की इस समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सक्रिय हो गए हैं। इसी कड़ी में उन्होंने एक बार फिर खाद वितरण समस्या और उसकी उपलब्धता को लेकर समीक्षा बैठक की। यह बैठक उन्होंने वर्चुअली की थी। बैठक में कृषि मंत्री कमल पटेल, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के अलावा कई मंत्री और अधिकारी भी मौजूद थे।
इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं और कहा कि किसी भी जिले में किसानों को लाइन न लगानी पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा है कि किसानों को आसानी से खाद मिले। वितरण केंद्र के पास टेंट, बैठक व्यवस्था और पेयजल का प्रबंध रहे। किसान को लाइन न लगाना पड़े, उसका समय और ऊर्जा जाया न हो, इसके लिए कलेक्टर्स पूरी व्यवस्था पर निगरानी रखें। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में खाद की कमी नहीं है, न ही आने वाले समय में कमी रहेगी। वे नियमित रूप से केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया से सम्पर्क में हैं।
इन जिलों से हुई चर्चा
मुख्यमंत्री ने सतना, दमोह, सागर, छतरपुर, नीमच नर्मदापुरम, देवास और इंदौर जिलों के कलेक्टर्स से खाद की उपलब्धता, वितरण केंद्र संख्या, वितरण व्यवस्था और इस माह की संभावित मांग के अनुरूप आपूर्ति के प्रबंध के संबंध में बातचीत कर निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा है कि कल यानि 11 नवंबर को फिर खाद को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे।
मुख्यमंत्री के कलेक्टर्स को प्रमुख निर्देश
- किसी भी जिले में किसानों को लाइन न लगानी पड़े।
- जिलों में खाद वितरण सुचारू रहे, जहाँ आवश्यक हो विकेंद्रीकरण किया जाए।
- किसानों को अधिक दूरी से खाद लेने न आना पड़े।
- आवश्यक हो तो अतिरिक्त अमला इस कार्य में लगाएँ।
- वितरण केंद्रों पर पीने के पानी का प्रबंध भी रहे।
- आवश्यक हो तो वितरण के लिए अतिरिक्त केंद्र शुरू करें।