मप्र में हालात भयावह: जबलपुर में संक्रमित मरीज ने एंबुलेंस में तोड़ा दम, नहीं मिला बेड

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24 घंटे में सबसे ज्यादा भोपाल में 1 हजार 703 नए संक्रमित मरीज मिले
भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना (Corona) के कहर ने भयावह हालात पैदा कर दिए हैं। प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था (Health system) खुद आईसीयू (ICU) में चली गई है। अस्पतालों में बेड और आॅक्सीजन (Oxygen) की कमी ने प्रदेश में हालात बदतर बना दिया है। राजधानी भोपाल (Bhopal) में रविवार को सबसे ज्यादा 1 हजार 703 केस सामने आए और 5 की जान गई। जबलपुर में एक मरीज अस्पताल के सामने 4 घंटे तक बेड का इंतजार करता रहा, उसने एंबुलेंस (Ambulances) में ही दम तोड़ दिया।
पूरे प्रदेश की बात करें तो 24 घंटे में 4 बड़े शहरों में 5 हजार 435 नए केस आए। भोपाल (Bhopal) के अलावा इंदौर (Indore) में 1 हजार 698, जबलपुर में 877 और ग्वालियर में 1 हजार 157 नए केस सामने आए हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा 9 मौतें ग्वालियर में हुई हैं। यहां पॉजिटिविटी रेट (Positivity rate) भी 43% को पार कर गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने लोगों से कोविड प्रोटकॉल (Covid protocol) का पालन करने की अपील की और कहा कि लोग 30 अप्रैल तक घर में रहें। उन्होंने कहा कि मास्क कफन से छोटा होता है। इसे पहनिए।
इंदौर में एक्टिव केस 11 हजार पार, बेड कम
इंदौर में रविवार को 7 की मौत हो गई। एक्टिव केस 11 हजार 804 पर पहुंच गए हैं। अस्पतालों में बेड नहीं मिल पा रहा है। हालांकि, भिलाई और जामनगर से आॅक्सीजन की सप्लाई शुरू हो जाने से थोड़ी राहत है। छोटे अस्पतालों में अभी भी आॅक्सीजन की किल्लत बरकरार है।
राजधानी में रेमडेसिविर की कालाबाजारी तेज
भोपाल में रविवार को 5 लोगों की मौत संक्रमण के चलते हुई है। राहत की बात है कि 1457 मरीज स्वस्थ्य भी हुए हैं। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी तेज हो गई है। पुलिस और प्रशासन ने रविवार को दो-तीन जगहों पर छापा मारकर रेमडेसिविर के इंजेक्शन जब्त किए हैं।
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जबलपुर: विक्टोरिया में 15 ने दम तोड़ा
विक्टोरिया अस्पताल में पिछले 18 घंटों में 15 संक्रमितों ने दम तोड़ दिया। इनमें रविवार को 8 लोगों की जान गई। चौहानी, तिलवारा शमशान घाट व ग्रेव यार्ड में 72 लाशों का कोविड प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार हुआ। इनमें 22 साल का युवक शामिल है। युुवक के परिजनों का आरोप है कि आॅक्सीजन सप्लाई (Oxygen supply) से प्रेशर कम मिल रहा था।