सीधी भर्ती में दो नहीं अब मिलेंगे तीन लिंग, एमपी ने खोली थर्ड जेंडर की राह, रोजगार में समान अवसर
राज्य शासन ने जारी किया आदेश, बदला उपनियम, आवेदन पत्रों में होगा बदलाव
BHOPAL. प्रदेश के सरकारी विभागों में छोटे-बड़े पदों पर अब केवल महिला या पुरूष ही नहीं, बल्कि उनके लिए भी राह खुल गई है। इसका पहला असर सीधी भर्ती में नजर आएगा। इनमें से नौकरी कितनों को मिलती है और कितनी संख्या में वे नजर आते हैं, यह तो वक्त और टैलेंट से ही तय करेगा, लेकिन प्रदेश मेंं होने वाली तमाम सीधी भर्ती के आवेदन पत्रों में तीसरा विकल्प जरूर जल्द ही नजर आ जाएगा। राज्य शासन के आदेश के बाद सभी विभागों के आवेदन पत्रों में यह विकल्प मौजूद रहेगा।
स्कूल-कालेजों के प्रवेश फार्म से लेकर नौकरी तक के लिए किए जाने वाले आवेदन में देश-प्रदेश के लोग वर्षों से लिंग के आगे केवल दो विकल्प देखने के आदी हो चुके हैं, लेकिन अब प्रदेश में होने वाली अगली सीधी भर्ती में लिंग के आगे दो नहीं तीन विकल्प मौजूद रहेंगे। राज्य शासन ने शुक्रवार को इसके लिए बकायदा आदेश भी जारी कर दिया है। असल में अब तीसरे लिंग यानी थर्ड जेंडर का विकल्प भी जोड़ने का आदेश मध्यप्रदेश सरकार ने दिया है। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभाग प्रमुखों के साथ ही संभागायुक्तों, कलेक्टरों और जिला पंचायत सीईओ को इस संबंध में बदलाव कर तीसरे विकल्प का इस्तेमाल करने का आदेश दिया है। इसके लिए मध्यप्रदेश उभयलिंगी व्यक्ति अधिकारों का संरक्षण नियम 2021 के नियम 12 रोजगार के समान अवसर के उपनियम 1 के तहत यह बदलाव किया गया है।
इसलिए करना पड़ा बदलाव
अभी तक रोजगार के लिए जारी होने वाले आवेदन पत्रों में केवल दो ही लिंग का विकल्प दिया जाता था, महिला या पुरूष। इससे थर्ड जेंडर को विकल्प ही नहीं मिल पाता था। जबकि 2021 के नियम में थर्ड जेंडर को भी रोजगार के समान अवसर उपलब्ध कराए जाना है। विकल्प न होने के कारण हर भर्ती में थर्ड जेंडर असमंजस के चलते रोजगार से छूट जाते थे। महिला, पुरूष के साथ उभयलिंगी का विकल्प भी होने से थर्ड जेंडर को लाभ मिल सकेगा।
सीधी भर्ती से शुरूआत
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा शुक्रवार 24 फरवरी 2023 को जारी आदेश में सीधी भर्ती में उभयलिंगी का विकल्प रहेगा। इस आदेश के तहत राज्य शासन के दस्तावेजों में जहां कहां कहीं भी लिंग संबंधी जानकारी लिखी जाना है, वहां महिला, पुरूष के साथ उभयलिंगी व्यक्ति भी लिखा जाए।
एमपी में 29 हजार थर्ड जेंडर्स
राज्य शासन की इस संवेदनशीलता का लाभ प्रदेश के 29 हजार 597 से अधिक थर्ड जेंडर्स को मिल सकेगा। इनमें से कई उभयलिंगी व्यक्ति पर्याप्त योग्यता होने के बाद भी रोजगार से वंचित रह जाते थे। उभयलिंगी का विकल्प होने से सीधी भर्ती में उन्हें भी लाभ मिल सकेगा और वे भी मुख्य धारा में शामिल हो सकेंगे।