मध्यप्रदेश

शिवराज के निर्देश: बाढ़ पीड़ितों को तत्काल मिले राहत, पुनर्वास के लिए तत्परता से हो काम

  • बाढ़ से 8832 व्यक्तियों को बचाया गया, 32 हजार को सुरक्षित राहत शिविरों में पहुंचाया

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने आज मंत्रालय में बाढ़ राहत के लिए गठित 12 विभागों की टास्क फोर्स समिति (task force committee) के सदस्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश में बाढ़ से बचाव कार्य में 8832 व्यक्तियों को बचाया गया तथा 32 हजार व्यक्तियों को सुरक्षित राहत कैम्पों में पहुंचाया गया है। इस पूरे कार्य के लिए NDRF की टीम के साथ ही हमारी SDRF की टीम विशेष बधाई की पात्र है, जिन्होंने जान हथेली पर रखाकर लोगों की जान बचाई।

सीएम ने आगे कहा कि बाढ़ पीड़ितों (flood victims) को राहत एवं उनके पुनर्वास का कार्य पूरी तत्परता और कर्त्तव्यनिष्ठा से किया जाए। हैंड पंप चालू कराए जाएं। संबंधित मंत्रियों के निर्देशन में टास्क फोर्स समिति के सभी 12 विभाग युद्ध स्तर पर राहत और पुनर्वास कार्य करें। मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे सही एवं पारदर्शी हो। कोई भी प्रभावित व्यक्ति छूटे नहीं तथा किसी अपात्र व्यक्ति को लाभ न मिले, यह सुनिश्चित किया जाए। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (Revenue Minister Govind) ने क्षति की विस्तृत जानकारी दी। कृषि मंत्री कमल पटेल (Agriculture Minister Kamal Patel) ने फसलों की क्षति की जानकारी दी। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Dr. Narottam Mishra) ने बचाव एवं राहत कार्यों की जानकारी दी।

पानी की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें
CM ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। जल स्रोतों को क्लोरीन आदि के माध्यम से स्वच्छ किया जाए। हैंड पंप चालू कराए जाएं। मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव (Brijendra Singh Yadav) ने बताया कि पेयजल की शुद्धि, मलबे की सफाई और दवाओं के छिड़काव का कार्य जारी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिनके मकान क्षतिग्रस्त हो गये है, उन्हें 6-6 हजार रुपए की तात्कालिक राहत तुरंत दी जाए, जिससे वे कुछ मरम्मत कर सकें अथवा अन्यत्र रहने की व्यवस्था कर सकें। पूरा सर्वे होने के बाद मकान के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए की राशि भी दी जाएगी।

50-50 किलो गेहूं-आटा प्रदान करें
सीएम ने कहा कि बाढ़ प्रभावित हर परिवार को 50-50 किलो गेहूं अथवा आटा मिल जाए, यह सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों तथा पुल-पुलियों की तेजी से मरम्मत हो। साथ ही कनेक्टिविटी बहाल करें। जिन पुलों की मरम्मत तुरंत संभव न हो, उनके वैकल्पिक रास्ते की व्यवस्था की जाए। लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव (Public Works Minister Gopal Bhargava) ने बताया कि बाढ़ से 189 छोटे पुल-पुलियाएँ, 7 बड़े पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। मार्गों की क्षति लगभग 207 करोड़ रुपए की है।

बीमारियां न फैलें, विशेष सावधानी रखें
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बीमारियां न फैलें इस संबंध में विशेष सावधानी रखें। उपचार एवं दवाओं की व्यवस्था तथा छिड़काव करवाया जाए। लोक स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी (Public Health Minister Dr. Prabhuram Choudhary) ने बताया कि बाढ़ प्रभावित 386 गांवों में 139 स्वास्थ केंद्र सेवाएं दे रहे हैं। CM ने पशुपालन विभाग को निर्देश दिए कि पशुओं के स्वास्थ्य की भी पूरी सुरक्षा की जाए। उनमें बीमारी न फैले। मृत पशुओं को दफनाने की व्यवस्था की जाए। क्षति सर्वे कर पशु हानि का मुआवजा दिया जाए। पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल (Animal Husbandry Minister Prem Singh Patel) ने क्षति एवं राहत की जानकारी दी।

180 उचित मूल्य दुकानें प्रभवित
खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह (Food Minister Bisahulal Singh) ने बताया कि बाढ़ से 180 उचित मूल्य दुकानें प्रभावित हुई हैं। राशन वितरण की वैकल्पिक व्यवस्था कर ली गई है। नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि बाढ़ग्रस्त नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल, बिजली, साफ-सफाई आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री चौहान ने जलसंसाधन विभाग को निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त बांधों एवं नहरों की मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर कराएँ। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि बाढ़ से 8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई प्रभावित हुई है।

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