मानसून में वजन कम करना है और स्वस्थ रहना है तो खाएं इन आटे की रोटियां

हम सभी ने छप्पन भोग के बारे में सुना होगा लेकिन खाने में कितने तरह के भी व्यंजन क्यो न हो खाना रोटी (Roti) के बिना अधूरा ही है । वैसे तो अमूमन घर में गेहूं के आटे की ही रोटी बनाई और खाई जाती हैं । वैसे तो रोटी शरीर के लिए बहुत जरूरी पोषक है। वजन कम करने के लिए कई लोग रोटियां खाने से परहेज करते हैं। उन्हें लगता है कि गेहूं के आटे की रोटी खाने से ही वजन बढ़ रहा है, लेकिन अगर वजन कम करना है तो रोटी छोड़ने की जरूरत नहीं है। जरूरत है आटा बदलने की । क्योकि गेहूं कार्ब्स (Healthy Diet) से भरपूर होता है। इसलिए इसे हफ्ते में दो-तीन दिन खाना तो सही होता है, लेकिन रोज यह पेट में कई तरह से असर डालती है। गेंहूं के आटे की जगह अन्य अनाज का आटा प्रयोग किया जाए तो रोटी खाते समय भी वजन कम किया जा सकता है। आज हम आपको सेहत और स्वाद से भरपूर कई रोटियों के बारे में बता रहे हैं। जिन्हें आप यकीनन बनाना और खिलाना चाहेंगी। मानसून में वजन कम करने के साथ ही पाचन को बेहतर बनाएंगी ये रोटियां।
सेहत और स्वाद से भरपूर हैं ये रोटियां
चोकर के आटे की रोटी
गेहूं के अंदरूनी सुनहरे छिलके को चोकर कहते हैं और ये छिलका गेहूं को पिसवाने पर आटे के साथ मिला हुआ आता है और इसे छानकर अलग किया जाता है। अगर चोकर के आटे की रोटी खाएंगे तो यह सेहत से भरपूर होगा। यह उन लोगों के लिए बड़ा फायदेमंद है जो कब्ज से परेशान हैं। चोकर में अघुलनशील फाइबर होता है जो सैल्यूलोज कहलाता है। इसमें पोटेशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, सिलीनियम, मैगनीशियम, विटामिन ई और बी कॉम्प्लेक्स पाए जाते हैं। यह दिल की बीमारियों से बचाने के साथ-साथ कोलेस्ट्रोल की समस्या नहीं होने देता है। रेग्यूलर आटे में चोकर मिलाकर इस्तेमाल करने से वजन कम होता है। गेहूं की रोटी में कार्ब्स, आयरन, नियासिन, विटामिन बी 6, थायमिन और कैल्शियम होता है, जबकि चोकर फाइबर से भरपूर होता है। दोनों को मिलाने से बड़ी आंत की बीमारियों को रोकने में मदद मिल सकती है। यह कब्ज, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम, हाई कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह और यहां तक कि हाई बीपी के इलाज में सहायक है।
रागी रोटी
रागी का आटा सबसे हेल्दी माना जाता है। यह आयरन, कैल्शियम, फाइबर से भरपूर होता है। जो इम्यूनिटी बढ़ाने और वजन कम करने में सहायक होते हैं। इस आटे के रोटी बनाकर खाने से आप हेल्दी भी रहेंगे और स्वाद भी चेंज हो जाएगा। इसे बिलकुल आटे की रोटी के जैसे ही बनाते हैं।
बाजरे की रोटी
बाजरे की रोटी में 97 कैलोरी होती है और इसे खाने के बाद काफी देर तक भूख नहीं लगती है जिससे वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है। बढ़ते हुए वजन को नियंत्रित करना चाहते हैं तो बाजरे की रोटी खाएं। इसमें विटामिन्स और फाइबर मौजूद होते हैं जो सेहत के लिए अच्छे हैं और बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। बाजरे में फाइबर की मात्रा उच्च होती है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। फाइबर वास्तव में शरीर से खतरनाक बैड कोलेस्ट्रॉल को खत्म करता है और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।
चना आटा के साथ मल्टीग्रेन रोटी
कई लोग पारंपरिक गेहूं के आटे के बजाए मल्टीग्रेन आटा लेने लगे हैं। मल्टीग्रेन यानी तरह-तरह के आटे का मिश्रण। अगर इस मल्टीग्रेन आटे में चने का आटा मिला लिया जाए तो वजन कम करने के लिए बेहतर होगा। चने में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो शरीर में चीनी की धीमी गति से कैलोरी को जलाने की प्रक्रिया को तेज करता है। अपने रेग्यूलर आटा या मल्टीग्रेन आटा में चना आटा जोड़ना इसकी पौष्टिकता को बढ़ा सकता है।
ज्वार रोटी
गेहूं की तुलना में ज्वार के आटे की रोटी ज्यादा आसानी से डाइजेस्ट हो जाती हैं। अगर किसी को खाना पचाने की समस्या है तो उसे यह रोटी खानी चाहिए। इसके अलावा इसमें मौजूद मिनरल्स और विटामिन्स शरीर से टॉक्सिन बाहर निकाल देते हैं। यह रोटी वैसे ही बनती है जैसे बाजरे की रोटी बनाई जाती है।
अक्की रोटी
अक्की रोटी को चावल के आटे से बनाया जाता है। यह रोटी कर्नाटक में ज्यादा बनाई जाती है। इस रोटी को ग्रेट या चॉप की हुई सब्जियों और मसालों को मिलाकर बनाया जाता है। इस रोटी को थोड़े अलग तरीके से बनाया जाता है, लेकिन ये बहुत हेल्दी और स्वादिष्ट रोटी होती है।
मक्के की रोटी
सर्दी और बरसात के मौसम में मक्के की रोटी खाना हेल्थ के लिए अच्छा होता है। इस रोटी में कैलोरी की मात्रा कम और यह प्रोटीन, स्टार्च से भरपूर होती है। इस रोटी में आयरन, फास्फोरस, जिंक, कॉपर, पोटेशियम और विटामिन और मिनरल होते हैं। इसलिए यह रोटी आपकी हेल्थ के लिए अच्छी और स्वाद से भरपूर होती है।