ज्योतिष

अगर घर में चाहते हैं खुशहाली तो किचन में भूलकर भी न रखें ये चीजें, नाराज हो सकती हैं मां अन्नपूर्णा

पौराणिक कथाओं में रसोई घर का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान होता है। रसोई में मां अन्नपूर्णा का वास होता है इसलिए इसका संबंध आपके परिवार की सुख-समृद्धि से जुड़ा होता है और रसोई घर को साफ़ और स्वच्छ रखना चाहिए, लेकिन कभी-कभी हम कुछ बातों को नजरअंदाज कर देते हैं जिसके कारण घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ने लगती है। जिसका प्रभाव पूरे घर वालों पर पड़ने लगता है। इसके अलावा गृहणी को साफ़ मन और तन से खाना बनाने की सलाह भी दी जाती है। जिसकी वजह से पूरे घर के लोग स्वस्थ रहें और आत्मा भी पवित्र रहे। वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार किचन कुछ चीजों को रखने से घर में परेशानी का सामना करना पड़ता है। साथ ही मां अन्नपूर्णा भी नाराज हो जाती हैं। आइए जानते हैं कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर हम मां अन्नपूर्णा को प्रसन्न रख सकते हैं.

रसोई में दवाइयां
रसोई में काम करते समय अक्सर थोड़ा बहुत कटना या जलना जैसी मामूली चोंटे लगती रहती हैं इसलिए कई बार लोग रसोई में ही दवाओं का डिब्बा रख लेते हैं ताकि समय पड़ने पर जल्दी से खोजा जा सके लेकिन वास्तु शास्त्र कहता है कि रसोई में कभी भी दवाइयां नहीं रखनी चाहिए। इसका नकारात्मक प्रभाव आपके घर के सदस्यों की सेहत पर पड़ सकता है, जिसमें आपका आकस्मिक खर्च बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।

रसोई में न बनाएं मंदिर
वैसे तो रसोई अन्नपूर्णा का स्थान होता है लेकिन वास्तु कहता है कि रसोई में भूलकर भी किसी देवी-देवता की प्रतिमा या तस्वीर नहीं रखनी चाहिए और न ही मंदिर बनाना चाहिए। इसके पीछे कारण है कि रसोई में तामसिक और सात्विक दोनों तरह का भोजन बनाया जाता है। इसके अलावा खाने के झूठे बर्तन भी ज्यादातर रसोई में ही साफ किए जाते हैं। इससे देवी-देवता नाराज हो सकते हैं जिससे आपके घर की सुख-शांति और समृद्धि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

किचन में दवाई न रखें
कई लोग अपने किचन में दवाएं भी रख देते हैं। आप ऐसी गलती भूलकर न करें। क्योंकि किचन आपके स्वास्थ्य से जुड़ा होता है। इसलिए कोई भी दवा नहीं रखनी चाहिए। वास्तु के मुताबिक, ऐसा करने से घर में कोई न कोई बीमार रहता है और घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

किचन में शीशा नहीं लगाना चाहिए
वास्तु शास्त्र के मुताबिक किचन में शीशा नहीं लगाना चाहिए. क्योंकि रसोई में चूल्हा होने के कारण अग्नि का मुख्य केंद्र होता है। इसका प्रतिबिंब बनना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

रसोई में न ले जाएं जूते-चप्पल
वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई में जूते-चप्पल पहनकर जानें से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे रसोई में गंदगी और किटाणु पहुंचते हैं। इतना ही नहीं, रसोई में मां अन्नपूर्णा का निवास होता है और जूते-चप्पल पहनकर जाने से उनका अपमान होता है।

टूटे और चटके बर्तन
रसोई में हम कई प्रकार के बर्तन का इस्तेमाल करते हैं, और उनका इस्तेमाल करते-करते कई बर्तन चटक जाते हैं या उनमें थोड़ी बहुत टूट-फूट हो जाती है, लेकिन थोड़ी सी टूट-फूट के बाद भी हम उन बर्तनों का रसोई में इस्तेमाल करते हैं। वास्तु के अनुसार ये ठीक नहीं है। इससे घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है और परिवार में मतभेद का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए वास्तु कहता है कि टूटे और चटके बर्तनों को रसोई में बिल्कुल नहीं रखना चाहिए।

स्टोर रूम न बनाएं
कुछ लोगों की आदत होती है कि वो जो सामान इस्तेमाल नहीं करते हैं उसे किचन में रख देते हैं। वास्तु शास्त्र में इसे सही नहीं माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि किचन में कबाड़ सामान बिल्कुल नहीं रखना चाहिए. इससे मां अन्नपूर्णा नाराज़ हो सकती हैं।

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