किसानों का हिसार में प्रदर्शन: टिकैैत ने कहा- आए हैैं तो मामला निपटा कर ही चलेंगे
हिसार (हरियाणा)। कृषि कानूनों (Agricultural laws) के विरोध में किसानों (Farmers) का आंदोलन (protest) पिछले छह महीने से जारी है। कोरोना (Corona) के इस संकट काल में किसानों ने अपने पैर पीछे नहीं खीचे। कानूनों के विरोध में आज हिसार में मंडल आयुक्त कार्यालय घेराव को लेकर किसान क्रांतिमान पार्क (Krantiman Park)में पहुंचना शुरू हो गए हैं। जींद की ओर से आने वाले किसान बरवाला होते हुए बाडो पट्टी टोल पर एकत्र हो रहे हैं। रोहतक, दादरी और हांसी की ओर से आने वाले किसान रामायण टोल प्लाजा (Ramayana Toll Plaza) पर एकत्र हो रहे हैं। राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) भी रामायण टोल प्लाजा पर पहुंच चुके हैं। इस दौरान टिकैत ने कहा कि आ गए हैं तो मामला निपटा के ही चलेंगे। इनका आगे तक का दिमाग ठीक करेंगे। सिरसा, फतेहाबाद की ओर से आने वाले किसान लांधडी टोल प्लाजा से एकत्र होकर चले हैं। लोहारू, बहल की ओर से आने वाले किसान चौधरीवास टोल पर एकत्र हुए।
वहीं प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस भी चौकस है। पुलिस ने क्रांतिमान चौक से लेकर लघु सचिवालय तक तीन नाके लगाए हैं। लघु सचिवालय के बाहर थ्री लेयर सिक्योरिटी (Three layer security) लगाई गई है। 12 बजे तक किसानों के जुटने की उम्मीद है। प्रशासन ने 26 ड्यूटी मजिस्ट्रेट लगाए हैं। 16 ड्यूटी मजिस्ट्रेट रिजर्व रखे गए हैं। सभी को अलग अलग प्वाइंट पर तैनात किया गया है। रेपिड एक्शन फोर्स, हरियाणा आर्म्ड पुलिस (Haryana Armed Police) के अलावा 7 जिलों की पुलिस तैनात की गई है। जिसमें करीब 4 हजार से अधिक पुलिस कर्मी हैं।
जिला प्रशासन ने आंदोलनरत किसानों को बातचीत का दिया न्योता
जिला प्रशासन ने आंदोलनरत किसानों (Agitating farmers) को फिर से बातचीत का न्योता दिया है। जिला प्रशासन की तरफ से प्रेस को जारी किए गए बयान में कहा गया कि 21 मई को हुई वार्ता में किसानों ने हिसार मंडलायुक्त के लिए अपनी मांगें रखी थीं। इन मांगों का समाधान करने की दिशा किसान संगठन (Farmers Organization) के प्रतिनिधियों को मंडलायुक्त ने बातचीत का न्योता दिया है। महामारी के इस कठिन दौर में यह जरूरी है कि किसान आंदोलन का हल शांतिपूर्ण ढंग से बातचीत के माध्यम से निकाला जाए। यह व्यापक हित में है।
हर हाल में करेंगे प्रदर्शन
किसान हर हाल में सोमवार का प्रदर्शन करेंगे। हमारे पास जो बातचीत का निमंत्रण आ रहा है, वह तहसीलदार, इंस्पेक्टर आदि की तरफ से आ रहा है, जबकि उनके पास इस मामले के समाधान को लेकर किसी तरह की पावर नहीं है। हम सिर्फ उसी स्थिति में बातचीत के लिए तैयार हैं, जब खुद आयुक्त हमसे बात करें। -सूबे सिंह बूरा, जिला प्रेस सचिव, किसान सभा।