महाराष्ट्र में इंसानियत शर्मसार: एक एंबुलेंस में ठूस-ठूस कर भरे 22 शव, ऐसे किया अंतिम संस्कार
बीड। देश में कोरोना (Corona) कहर के बीच अब इंसानियत भी शर्मसार होने लगी है। संक्रमित शवों के साथ अब जनवरों जैसा बर्ताव होने लगा है। ऐसी ही एक घटना महाराष्ट्र (Maharashtra) के बीड़ जिले की है। जहां एक एम्बुलेंस (Ambulance) में 22 शवों को एक दूसरे के ऊपर रखकर श्मशान लाया गया और फिर एक चिता पर 2 से 3 लाशों को रखकर अंतिम संस्कार (Funeral) किया गया।
घटना की तस्वीरें सामने आने के बाद जिला प्रशासन (District administration) ने जांच के आदेश दिए हैं। बीड जिले के अंबाजोगाई में स्वामी रामानंद तीर्थ अस्पताल (Swami Ramanand Tirth Hospital) में रविवार रात तक कोरोना से 30 मरीजों की मौत हुई थी। इनमें से 22 शवों को एक ही एम्बुलेंस में शमशान लाया गया, बाकी के 8 शव दूसरी एंबुलेंस में लाए। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने हॉस्पिटल के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की है।
हॉस्पिटल की सफाई, सिर्फ दो ही एंबुलेंस हैं
अस्पताल ने सफाई में कहा है कि उनके पास दो ही एंबुलेंस हैं। उन्होंने पांच एंबुलेंस की और मांग की है। 17 मार्च को प्रशासन को पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन अभी तक एम्बुलेंस नहीं मिली हैं। अंबाजोगाई (Ambajogai) के अनुविभागीय अधिकारी शरद जादके ने बताया कि कोरोना मरीज की मृत्यु के कुछ ही देर में अंतिम संस्कार (Funeral) का नियम है। एक साथ इतने शवों को जमा करने की अनुमति नहीं है। यह कैसे हुआ, इसकी जांच करवाई जा रही है।
सभी हॉस्पिटल और कोविड सेंटर फुल
मरीजों की संख्या अचानक बढ़ने से अंबजोगाई तालुका में स्थिति गंभीर है। यहां के स्वाराती अस्पताल पर भी भारी दबाव है। इसके अलावा यहां स्थापित लोखंडी सावरगाव कोविड केंद्र (Lokhandi Savargaon Kovid Center) भी फुल हो चुका है। पड़ोस की तालुकाओं से यहां मरीजों के आने का सिलसिला जारी है।
शवों के अंतिम संस्कार के लिए यह है प्रोटोकॉल
- केंद्र के प्रोटोकॉल के मुताबिक कोरोना मरीज की मौत के 2 घंटे के अंदर शव को एक वाहन में प्रशिक्षित कर्मचारी प्लास्टिक बैग में रखकर शमशान ले जाएगा।
- किसी को शव छूने की अनुमति नहीं होगी। अंतिम संस्कार में भीड़ पर भी रोक लगाई गई है। अंत्येष्टि के बाद सैनिटाइजेशन की व्यवस्था होगी।
- मृतक के परिवार की मौजूदगी में 24 घंटे में अस्पताल को निगम की मदद से दाह संस्कार करवाना होगा।