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हाईकोर्ट की यूपी सरकार पर तीखी टिप्पणी: कहा- राम भरोसे ग्रामीण अंचलों की स्वास्थ्य सेवाएं

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने प्रदेश के छोटे शहरों, कस्बों व ग्रामीण इलाकों (Rural areas) में संक्रमण तेजी से बढ़ने तथा मरीजों के इलाज में हो रही लापरवाही पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा है कि सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था (Health system) राम भरोसे चल रही है। इसमें तत्काल सुधार की आवश्यकता है। इलाहाबाद हाई कोर्ट जस्टिस अजीत कुमार (Justice Ajit Kumar) और जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा (Justice Siddharth Verma) की बेंच ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बिजनौर का उदाहरण लिया। कोर्ट ने प्रदेश सरकार को चार माह में प्रदेश के अस्पतालों में चिकित्सकीय ढांचा (Medical framework) सुधारने और पांच मेडिकल कॉलेजों को SGPGI स्तर का संस्थान बनाने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है।

इस सुनवाई में डीएम बिजनौर (DM Bijnor) ने कहा कि 31 मार्च 2021 से 12 मई के बीच बिजनौर शहर में 26245 और ग्रामीण इलाके में 65491 की टेस्टिंग की गई। कोर्ट में दाखिल किए गए शपथ पत्र के अनुसार बिजनौर के 3 सरकारी अस्पतालों में 150 बेड, 5 बाइपेप मशीन, 17 आॅक्सीजन कंसंट्रेटर, 250 आॅक्सीजन सिलेंडर (Oxygen cylinder) हैं। वहीं, डीएम बिजनौर ने कहा कि 32 लाख के लगभग ग्रामीण आबादी (rural population) के लिए 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (Primary Health Centre) और 300 बेड है। यानी एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तीन लाख की आबादी का भार और 30 बेड की उपलब्धता जो कुल जनसंख्या का 0.01% है।





इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेरठ मेडिकल कॉलेज (Meerut Medical College) में 64 वर्षीय बुजुर्ग संतोष कुमार के आइसोलेशन वार्ड (Isolation ward) में मृत होने और उनके शव का लापरवाही बरतते हुए लावारिस में अंतिम संस्कार कराने के मामले में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ (Paramedical staff) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और आश्रित परिवार को मुआवजा देने का आदेश दिया।

हाई कोर्ट ने सरकार को दिए 5 सुझाव
कोरोना से निपटने के लिए जस्टिस अजीत कुमार और जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की बेंच ने सरकार को कई सुझाव दिए हैं।

  • बड़े औद्योगिक घराने अपना दान करने वाला फंड वैक्सीन खरीदने में लगाएं।
  • बीएचयू वाराणसी के अलावा गोरखपुर, प्रयागराज, आगरा, मेरठ के मेडिकल कॉलेज को 4 महीने में एसजीपीजीआई स्तर का सुविधायुक्त बनाया जाए। सरकार 22 मई की अगली तारीख पर मेडिकल कॉलेज के अपग्रेडेशन प्लान को भी पेश करे।
  • हर छोटे शहर में 20 एंबुलेंस, हर गांव में आईसीयू सुविधा वाली 2 एंबुलेंस जरूर रखी जाए।
  • इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नर्सिंग होम की सुविधाओं को भी बढ़ाने का निर्देश दिया। 20 बेड वाले नर्सिंग होम के 40 फीसदी बेड आईसीयू के हों, जिनमें से 25% बेड पर वेंटीलेटर, 50%पर बाइपेप मशीन और 25% पर हाई फ्लो नेजल कैनुला की सुविधा रखी जाए।
  • 30 बेड वाले नर्सिंग होम का अपना आॅक्सीजन प्रोडक्शन प्लांट रखना होगा।

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