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सावधान: भीषण गर्मी में हीट स्ट्रोक का खतरा, स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट

हीट स्ट्रोक हाइपरथर्मिया या गर्मी से संबंधित बीमारी का एक रूप है, जिसमें शरीर का तापमान असामन्य रूप से बढ़ जाने के साथ शारीरिक लक्षण दिखते हैं और तंत्रिका तंत्र के काम में परिवर्तन भी देखा जाता है।

सतना। इन दिनों जिस तरह से आसमान से आग बरस रही है वो खतरे से खाली नहीं है। गर्मी सारी हदें पार कर रही है और लगातार रोजाना सूरज का सितम बढ़ता जा रहा है। ऐसे में सुबह 10 से लेकर शाम के चार बजे तक सावधानी ही बेहतर होगी और स्वास्थ्य विभाग ने जहां अलर्ट जारी किया है तो वहीं बे वजह की तफरी करने से मना भी किया है क्योंकि ये खतरे से खाली नहीं है और जिस तरह से पारा चढ़ रहा है हीट स्ट्रोक का खतरा दहलीज पर ही है।

क्या है हीट स्ट्रोक
सतना जिला अस्पताल के मेडिकल विशेषज्ञ डॉ अभिनव चौरसिया बताते हैं कि गर्म हवा के कारण हीट स्ट्रोक हो सकता है। शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या बढ़ जाती है। अप्रैल के साथ मई और जून के महीने में गर्मी और भी ज्यादा पड़ती है,भीषण गर्मी के कारण लोग कई बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। खासतौर पर वे लोग जो गर्मी में बाहर काम करने पर मजबूर हैं। इन लोगों के साथ बच्चों बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं में तेज गर्मी से हीट स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है। हीट स्ट्रोक हाइपरथर्मिया या गर्मी से संबंधित बीमारी का एक रूप है, जिसमें शरीर का तापमान असामन्य रूप से बढ़ जाने के साथ शारीरिक लक्षण दिखते हैं और तंत्रिका तंत्र के काम में परिवर्तन भी देखा जाता है। हाइपरथर्मिया के दो अन्य रूप गर्मी से एंठन और हीट एक्सॉशन, कम गंभीर होते हैं, लेकिन हीट स्ट्रोक एक मेडिकल एमर्जेंसी जैसी स्थिति होती है, जिसका वक्त रहते सही तरीके से इलाज न किया जाए, जोनलेवा साबित हो सकता है। डॉ चौरसिया के अनुसार लू लगना और हीट स्ट्रोक में फर्क कम ही है और दोनो ही खतरनाक है।

इसलिए भी है ज्यादा खतरनाक
शरीर का तापमान सामान्य से ज्यादा बढ़ने से हीट स्ट्रोक हो सकता है, जो लंबे समय तक तेज धूप में खड़े रहने से होता है। शरीर के उच्च तापमान की अवधि के आधार पर, अगर समय पर इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह मस्तिष्क या किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों को स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है और यहां तक हालात ये भी बनते हैं कभी -कभी मरीज की जान बचा पाना मुश्किल होता है और ये मृत्यु का कारण भी बन सकता है। हीट स्ट्रोक का सबसे ज्यादा खतरा 5 से कम उम्र के बच्चों, 65 से ज्यादा उम्र के लोगों और गर्भवती महिलाओं को होता है। साथ ही अगर आप दिन भर धूप और गर्मी में काम करते हैं, तो हीट स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है। चिकित्सक बचाव में कहते हैं कि शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए और सूती कपड़े का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है।

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