सूखे की आहट ने बढ़ाई चिंता, ग्वालियर में अब तक नहीं हुई बारिश
ग्वालियर । मध्यप्रदेश(Madhya Pradesh) के कई हिस्सों में मानसून(Monsoon) पहुंच चुका है, जिससे किसानों(Farmer) के चेहरे पर खुशी साफ नजर आ रही है। लेकिन अभी भी मध्यप्रदेश के कई हिस्से ऐसे है जहां किसानों को इंद्र देव की मेहरबानी का इंतजार(Waiting) है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से चार सौ किलोमीटर दूर ग्वालियर में अब तक उम्मीद के मुताबिक बारिश न होने से ग्वालियर(Gwalior) शहर सूखे की चपेट में आता हुआ नजर दिखाई दे रहा है। आषाढ़ के महीने में जहां प्रदेश के ज्यादातर जिलों में जमकर बादल बरस रहे है लेकिन ग्वालियर में आषाढ़ के महीने में जेठ मास की तरह गर्मी पड़ रही है। सुबह से ही तापमान में इजाफा होना शुरु हो जाता है और दोपहर होते होत लोगों को लू का सामना करना पड़ रहा है। ग्वालियर में न तो प्री मानसून(Pre monsoon) बारिश हुई है, और अब जब मानसून आ चुका है तो उसके बाद बारिश नहीं हो रही है।
सूखे की दिखने लगी आहट
ग्वालियर में पड़ रही तेजी गर्मी के कारण जमीनों(Land) में दरार पड़ने लगी है। कृषि भूमि में जब दरार पड़ने की शुरुआत हो जाती है तो इस सूखे की आहट कहा जाता है। यह दरारों ने किसानों की माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है । क्योंकि बारिश न होने से किसान अब तक अपने खेतों बुआई भी नहीं कर पाये है। मौसम विभाग ने बारिश को लेकर जो पूर्वानुमान जारी किया है उसके अनुसार जून महीने में बारिश की संभावना नहीं है। हालांकि इससे पहले मौसम विभाग(Weather department) ने धौलपुर और ग्वालियर के आसपास हुई बारिश को देखकर 19 जून को ग्वालियर में मानसून आने की घोषणा कर दी थी।
ना अरब सागर ना बंगाल की खाड़ी
भारत के दक्षिण पश्चिम में स्थित समुद्री इलाके से जो हवाये आती है उन्हीं मानसूनी हवाएं या फिर मानसून आना कहा जाता है। यहीं हवाएं पूरे भारत में मानसून बनकर छाती है और बारिश बनकर बरसती है। लेकिन यह चंबल के प्रमुख शहर ग्वालियर का यह दुर्भाग्य है कि यहां पर अबतक न तो बंगाल की खाड़ी की बादल आये और ना ही अब अरब सागर के बादल आये है। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के पास इस बात के तो कई कारण है, कि क्यों बारिश नहीं होगी। लेकिन बारिश कब होगी इसका कोई जबाव नहीं है। मानसून के बेरुखी के कारण तिघरा बांध के पानी में भी कमी आने लगी है। जिससे जल संकट गहराने की चिंता और परेशान कर रही है।