गुजरात विधानसभा चुनाव : जनता ने जताया ब्रांड मोदी पर भरोसा
आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल के फ्री को दावों को गुजरातियों ने फ्री में ही उड़ा दिया है। केजरीवाल ने लिखकर देने का जो वादा किया था उसे गुजरातियों ने पूरी तरह से नकार दिया है।
अहमदाबाद-भोपाल – पीएम मोदी नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गए गुजरात विधानसभा चुनावों में भाजपा करिश्माई जीत हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। गुजरात विधानसभा चुनावों को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल के फ्री को दावों को गुजरातियों ने फ्री में ही उड़ा दिया है। केजरीवाल ने लिखकर देने का जो वादा किया था उसे गुजरातियों ने पूरी तरह से नकार दिया है। गुजरात की 182 विधानसभा सीटों में भाजपा 152, कांग्रेस 20, आप 6 और अन्य 4 सीटों पर आगे नजर आ रही है। शुरुआती रुझानों से ही साफ हो गया है कि भाजपा यहां पर पिछली बार से भी ज्यादा सीट हासिल करने जा रही है। गुजरात विधासनभा चुनाव के नतीजों ने जहां भाजपा कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है, वहीं हिमाचल प्रदेश में पार्टी का प्रदर्शन उम्मीद के अनुरुप नहीं रहा है। पहाड़ी राज्य हिमाचल में कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है।
2017 के मुकाबले हुआ कम मतदान
गुजरात राज्य की 182 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के लिए वोटों की गिनती अभी जारी है। शुरुआती रुझानों में भारतीय जनता पार्टी जहां बहुमत से कहीं आगे निकल गई है वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का बहुत ही बुरा हाल है। 2017 के मुकाबले इस बार दोनों ही चरणों में कम मतदान हुआ। पहले चरण में 60.20 लोगों ने वोट डाला था, जबकि 5 दिसंबर को हुए दूसरे चरण में 64.39 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
आप ने बढ़ाई थी कांग्रेस की परेशानी
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना राज्य के 37 मतदान केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा और निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में सुबह शुरू हुई। आम आदमी पार्टी के चुनावी मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है, जिससे कांग्रेस की परेशानी बढ़ गई थी। गुजरात में बहुमत के लिए कुल 182 सीट में से किसी भी पार्टी को 92 का आंकड़ा छूना होगा।
गुजरातियों का ब्रांड मोदी पर भरोसा
भाजपा ने राज्य में 27 साल के शासन के बाद सत्ता विरोधी भावनाओं से जूझते हुए हाल के चुनाव लड़े। पीएम मोदी पार्टी के तुरुप का इक्का थे। जनता ने भी सत्तारूढ़ दल ने सत्ता विरोधी लहर के मुकाबले के लिये ब्रांड मोदी पर भरोसा जताया है। इस बार मतदान प्रतिशत 2017 की तुलना में लगभग 4% कम हुआ। राज्य में 2017 में 68.39 प्रतिशत के मुकाबले इस बार सिर्फ 64.33 प्रतिशत मतदान हुआ।
सुनसान कांग्रेसी दफ्तर
गुजरात विधानसभा चुनावों के नतीजों की माने तो जनता ने दोनों विरोधी दल कांग्रेस और आप को पूरी तरह से नकार दिया है। आप के फ्री के वादों पर गुजरातियों ने कोई भरोसा नहीं जताया है, तो कांग्रेस पर भी गुजरातियों का भरोसा न के बराबर नजर आया है। जनता के साथ ही खुद कांग्रेसियों को भी पार्टी के अच्छे प्रदर्शन की कोई उम्मीद नहीं थी यही कारण था कि नतीजों वाले दिन भी कांग्रेस दफ्तर में कार्यकर्ता नजर नई आएं।