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राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने पद से इस्तीफा देने की जाहिर की इच्छा

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने पद से हटने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि मैंने पीएम मोदी को अपनी सभी राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त होने की इच्छा से अवगत कराया है।

ताजा खबर : महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने पद से हटने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि मैंने पीएम मोदी को अपनी सभी राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त होने की इच्छा से अवगत कराया है। ये जानकारी सोमवार को राजभवन ने प्रेस रिलीज के जरिये शेयर की है। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने हालिया मुंबई यात्रा के दौरान पीएम मोदी को राजनीतिक जिम्मेदारियों से हटने की अपनी इच्छा के बारे में बताया था।

पढ़ने, लिखने में जीवन बिताने की इच्छा

राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया, “राज्यपाल कोश्यारी ने अपना शेष जीवन पढ़ने, लिखने और अन्य इत्मीनान की गतिविधियों में बिताने की इच्छा व्यक्त की है।” कोश्यारी ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा, “महाराष्ट्र जैसे महान राज्य- संतों, समाज सुधारकों और बहादुर सेनानियों की भूमि के राज्य सेवक या राज्यपाल के रूप में सेवा करना मेरे लिए पूर्ण सम्मान और सौभाग्य की बात थी।”

महाराष्ट्र की जनता से काफी प्यार मिला”

बयान में राज्यपाल ने कहा कि पिछले तीन साल से ज्यादा समय के दौरान महाराष्ट्र की जनता से मिले प्यार और स्नेह को मैं कभी नहीं भूल सकता. मुझे माननीय प्रधानमंत्री से हमेशा प्यार और स्नेह मिला है. बता दें कि, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी कई बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं. उन पर विपक्ष ने पक्षपाती होने का भी आरोप लगाया है.

छत्रपति शिवाजी पर दिए बयान पर हुआ था विवाद

हाल में उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर बयान दिया था. जिसके बाद विपक्ष के साथ-साथ राज्य सरकार के कई नेताओं ने उनकी आलोचना की थी. दरअसल, राज्यपाल कोश्यारी ने बीते साल नवंबर में कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज “पुराने दिनों” के आइकॉन थे. राज्य में आइकॉन के बारे में बात करते हुए उन्होंने बाबासाहेब अंबेडकर और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का जिक्र किया था.

उन्होंने कहा था कि, ”पहले जब आपसे पूछा जाता था कि आपका आइकॉन कौन है तो ‘जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी’ का जवाब होता था. महाराष्ट्र में आपको कहीं और देखने की जरूरत नहीं है क्योंकि यहां बहुत सारे आइकॉन हैं. जहां छत्रपति शिवाजी महाराज पुराने जमाने के हैं, वहीं अंबेडकर और नितिन गडकरी हैं।

मुंबई पर दिए बयान पर भी हुआ था हंगामा

इससे पहले भी कोश्यारी के एक बयान को लेकर हंगामा हुआ था. जुलाई 2022 में उन्होंने कहा था कि अगर महाराष्ट्र से गुजराती और राजस्थानी हट जाएंगे तो मुंबई देश की आर्थिक राजधानी होने का अपना स्टेट्स खो देगी. उनकी इस टिप्पणी पर सभी पार्टियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। बाद में उन्होंने एक माफीनामा जारी करते हुए कहा था कि मुंबई (Mumbai) के विकास में कुछ समुदायों के योगदान की सराहना करते हुए शायद मैंने गलती की।

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