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टेलीकॉम लाईसेंसधारकों के लिए अच्छी खबर, नहीं देना होगा अब ये शुल्क

नई दिल्ली – टेलीकॉम सुधार की दिशा में केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में टेलीकॉम क्षेत्र में केंद्र सरकार के द्वारा जो कदम उठाए गए है उन्हें लेकर जानकारी मिली है कि अब टेलीकॉम कंपनियों को एनओसीसी शुल्क नहीं देना होगा। केंद्र सरकार द्वारा इस संबध में बड़ा एलान किया गया है। अब तक यह शुल्क दूरसंचार क्षेत्र में उन लाइसेंसधारक कंपनियों को देना पड़ता था जो सैटेलाइट टेलीफोनी या वीसैट का इस्तेमाल अपनी सेवाओं को बेहतर करने के लिए  करती हैं। टेलीकॉम इंडस्ट्री में इसे नेटवर्क आपरेशंस और कंट्रोल सेंटर शुल्क यानि एनओसीसी कहा जाता है। दूरसंचार विभाग 21 लाख रुपये प्रति ट्रांसपोंडर सालाना के हिसाब से यह शुल्क वसूलता है।  इसके शुल्क के अलावा 6000 का अतिरिक्त शुल्क अलग तरह के एंटीना के हिसाब से  अब तक लिया जाता रहा है।

 

कोई एनओसीसी शुल्क नहीं देना होगा

केंद्र सरकार के टेलीकॉम के संबंध में काम करने वाले विभाग के द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक दूरसंचार विभाग की तरफ से कमर्शियल या कैप्टिव वीसैट सेवाओं, सैटेलाइट फोन सेवाओं, नेशनल लांग डिस्टांस व दूसरे टेलीकॉम लाइसेंस लेने वाली कंपनियों को अब किसी भी तरह का एनओसीसी शुल्क नहीं देना होगा। केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए इंडियन स्पेस एसोसिएशन के महानिदेशक एक के भट्ट ने जानकारी देते हुए कहा कि  बढ़िया पॉलिसी है।  जो सही दिशा की तरफ दूरसंचार उद्योग को ले जाएगी। इस नीति के चलते सैटेलाइट आधारित टेलीफोनी सेवा देने वाली कंपनियों को अब दूसरी दूरसंचार लाइसेंस धारक कंपनियों की तरह ही समान अवसर मिला करेगा।

अंतरिक्ष उद्योग में होगा ज्यादा निवेश
इंडियन स्पेस एसोसिएशन के महानिदेशक एक के भट्ट  ने कहा कि  सरकार आने वाले दिनों मे सैटेलाइट आधारित टेलीफोनी सेवाओं के विस्तार के लिए जरूरत के हिसाब से नीति में परिवर्तन कर सुधारवादी कदम उठाएंगी। बता दें कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी पिछले दिनों स्पेस उद्योग के साथ बैठक में जो लक्ष्य रखे थे उनके हिसाब से भी इस तरह के कदम की जरूरत है। इन फैसलों की मदद से भारत के अंतरिक्ष उद्योग में और ज्यादा निवेश होगा।

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