मध्यप्रदेश

MPPSC परीक्षार्थियों के लिए खुशखबरी,नतीजे घोषित करने का रास्ता साफ,सरकार ने नियम वापस लिया

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रारंभिक परीक्षा 2019 एवं मुख्य परीक्षा 2020 के रिजल्ट का रास्ता साफ हो गया है।सरकार ने एमपी पीएससी भर्ती परीक्षा नियम 2015 में किए गए अपने संशोधन को वापस ले लिया है. इसके बाद इन दोनों ही परीक्षाओं का परिणाम (Result) जारी हो सकेगा। अब हाईकोर्ट में अगली सुनवाई के बाद दोनों ही परीक्षाओं का परिणाम जारी हो सकेगा। इस मामले में कुछ छात्रों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सामान्य प्रशासन विभाग ने नियमों में संशोधन करके राजपत्र में अधिसूचित कर दिए हैं।संशोधित नियम के मुताबिक प्रारंभिक परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर कुल पदों के बीस गुना प्रवर्गवार अभ्यर्थियों को इस शर्त के अध्यधीन रहने हुए मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किया जाएगा कि उन्होंने आयोग द्वारा तय अंक प्राप्त किए हैं। प्रारंभिक चरण में अनारक्षित वर्ग का कट आफ निर्धारित किया जाएगा।

MPPSC की परीक्षा परिणाम घोषित करने का रास्ता साफ
अब सरकार ने कैबिनेट से विवादित नियम को वापस लेने का प्रस्ताव पास कर दिया है। विवादित नियम के मद्देनजर आरक्षित वर्ग के मेरिटोरियस उम्मीदवार अनारक्षित वर्ग में चयनित नहीं हो रहे थे। हाईकोर्ट ने पीएससी 2019 की मुख्य परीक्षा और 2020 की प्रारंभिक परीक्षाओं के नतीजे घोषित करने पर रोक लगा दी थी। अधिवक्ता रामेश्वर यादव का कहना है कि विवादित नियम की वापसी से उम्मीद है कि अगली सुनवाई में सरकार के जवाब से दोनों ही परीक्षा परिणामों को घोषित करने का रास्ता साफ हो जाएगा। आपको बता दें कि पीएससी की मुख्य परीक्षा 2019 में कुल 571 और 2020 की प्रारंभिक परीक्षा में कुल 235 पदों पर भर्ती होनी है।

कैबिनेट की मंजूरी
पिछली सुनवाई में सरकार ने अपनी अंडरटेकिंग देते हुए कहा था कि आगामी कैबिनेट की बैठक में इस विवादित नियम को खत्म करने के लिए कार्रवाई कर ली जाएगी। कैबिनेट ने 2015 के उस नियम में संशोधन को मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार ने आज कोर्ट को इसकी जानकारी दी। सरकार के जवाब के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी माह में नियत की है।

806 पदों के लिए परीक्षा
पीएससी 2019 की मुख्य परीक्षा में कुल 571 और 2020 की प्रारंभिक परीक्षा में कुल 235 पदों पर भर्ती होना है। इन पदों पर भर्ती के लिए हुई परीक्षा में हजारों परीक्षार्थी शामिल हुए थे।

नियम पर ऐतराज
2015 के इस विवादित नियम के कारण आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार अनारक्षित वर्ग में नहीं चुने जा रहे थे। इस विवादित नियम के कारण PSC 2019 की मुख्य परीक्षा और 2020 की प्रारंभिक परीक्षाओं के रिजल्ट अब तक घोषित नहीं हो पाए हैं। सरकार के इस विवादित नियम को वापस ले लेने के बाद यह उम्मीद है कि अगली सुनवाई में जब सरकार की ओर से अदालत के समक्ष जवाब पेश किया जाएगा तो इन दोनों ही परीक्षा परिणामों का रास्ता भी साफ होगा।

 

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