ग्वालियर हाईकोर्ट का निर्देश: जेल में बंद महिला-पुरुष कैदियों को दें 90 दिन पैरोल
ग्वालियर। कोरोना (Corona) के इस संकटकाल में जेल में बंद कैदियों (Prisoners) को भी राहत मिलने के उम्मीद दिख रही है। ग्वालियर हाईकोर्ट (Gwalior High Court) की कमेटी ने कल सोमवार को निर्देश दिए हैं कि जेल में बंद 60 साल से अधिक उम्र के पुरुष बंदी (Male prisoner), 45+ उम्र वाली महिला बंदियों (Female detainees) सहित सभी वह महिलाएं जो जेल में अपने बच्चों के साथ रह रही हैं उनको 90 दिन की पैरोल (90 day parole) पर छोड़ा जाए। यह निर्देश सभी जिला कोर्ट के न्यायाधीशों (judges) को दिए गए हैं। कोर्ट में इस तरह के आने वाले आवेदन पर तीन दिन में फैसला लेने के लिए कहा है।
हाईकोर्ट की हाई पावर कमेटी के न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव (Justice Prakash Srivastava) की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसके अलावा भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। हाई पावर कमेटी द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार जेल में बंद ऐसी महिलाएं जो गर्भवति हैं। ऐसी महिला बंदी जिनकी उम्र 45 वर्ष से अधिक है। साथ ही ऐसे बंदी जो गंभीर बीमारी (serious illness) से पीड़ित हैं और उनके पैरोल संबंधित आवेदन कोर्ट में लंबित हैं। ऐसे मामलों में तीन दिन में निर्णय लेने के निर्देश भी जजों को दिए हैं। साथ ही कहा है कि सेन्ट्रल जेल (Central Jail) की नियमों को देखते हुए उन्हें 90 दिन की पैरोल दी जाए।
इन गंभीर बीमारी को माना जाएगा आधार
हाईकोर्ट की कमेटी के निर्देश के आधार पर बंदियों को जिन गंभीर बीमारियों में 90 दिन की पैरोल का फायदा मिल सकता है वह इस प्रकार हैं जैसे- कैंसर, हार्ट पेशेंट, शुगर पेशेंट, जिनकी बायपास सर्जरी हो चुकी है, बाल्व बदल चुका है, ऌकश् पॉजिटिव, किडनी से संबंधित बीमारी, हेपीटाइटिस बी , अस्थमा, टीबी और 40 प्रतिशत से अधिक अक्षमता वाले बंदी जिनके प्रकरणों का निराकरण नहीं हुआ है उनको मिलेगा।
यह भी दिए हैं निर्देश
- बंदियों के लिए हर 15 दिन में स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएं। कोई कोविड संक्रमित बंदी मिले तो अलग रखकर उपचार किया जाए।
- जेल में अन्य बंदियों के बीच नए बंदी को भेजने से पहले उसकी फळ ढउफ रिपोर्ट निगेटिव ली जाए।
- यदि कोई कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसे तत्काल आइसोलेशन में रखा जाए।
- बाल सुधार गृह में बच्चों का भी स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए।
- बंदियों को वैक्सीन की दोनों डोज का इंतजाम किया जाए।
- 18 से 44 साल के बंदियों के टीकाकरण को लेकर भी कदम उठाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।