गंगा दशहरा कल: महाकाल की नगरी में देखने को मिलेगा ऐसा नजारा, साधु-संत निकालेंगे पेशवाई भी
जूना अखाड़े के महामंत्री हरि गिरि महाराज ने बताया कि उज्जैन में आगामी 30 मई 2023 की सुबह सिंहस्थ की तर्ज पर एक भव्य पेशवाई निकलेगी। जिसमें रथ, हाथी, घोड़ों पर सवार साधु संत नगर भ्रमण करते हुए प्राचीन नीलगंगा सरोवर पहुंचेंगे और यहां स्नान ध्यान पूजन करेंगे।
उज्जैन। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को यानि कल मंगलवार को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। इस त्योहार की धूम बारह ज्योतिर्लिंगों में से बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में भी देखने को मिलेगी। इतना ही नहीं, यहां पर इस बार सिंहस्थ जैसा नजारा देखने को मिलेगा। गंगा दशहरा पर्व के मौके पर सैकड़ों साधु-संत पेशवाई निकालकर मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के रामघाट पर शाही स्नान करेंगे। यह आयोजन जूना अखाड़ा द्वारा आयोजित किया जा रहा है। जिसमें अखाड़ा परिषद अध्यक्ष, महामंत्री सहित तमाम महामंडलेश्वर और साधु संत शामिल होंगे।
जूना अखाड़े के महामंत्री हरि गिरि महाराज ने बताया कि उज्जैन में आगामी 30 मई 2023 की सुबह सिंहस्थ की तर्ज पर एक भव्य पेशवाई निकलेगी। जिसमें रथ, हाथी, घोड़ों पर सवार साधु संत नगर भ्रमण करते हुए प्राचीन नीलगंगा सरोवर पहुंचेंगे और यहां स्नान ध्यान पूजन करेंगे। गंगा दशहरा पर यह आयोजन जूना अखाड़े द्वारा किया जा रहा है, जिसमें सभी अखाड़ों के संत महंत, महामंडलेश्वर शामिल होंगे। आयोजन के मुख्य अतिथि अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविन्द्र पुरी महाराज होंगे। आयोजन में प्रदेश के बड़े नेतागण भी शामिल होंगे।
दो दिवसीय शिप्रा परिक्रमा आज से
यात्रा गंगा दशहरा के अवसर पर शिप्रा सांस्कृतिक समिति द्वारा 29 मई से दो दिवसीय शिप्रा परिक्रमा यात्रा निकाली जाएगी। 56 किलो मीटर की इस यात्रा में पर्यावरण, जल,नदी, वायु आदि को शुद्ध रखने के लिए जनजागरण किया जाएगा। 30 मई गंगा दशहरा पर यात्रा का समापन होगा तथा शिप्रा का पंचामृत अभिषेक पूजन कर 400 मीटर लंबी चुनरी अर्पित की जाएगी।
नीलगंगा पर होगा संतों का शाही स्नान
नीलगंगा चौराहा स्थित नीलगंगा सरोवर पर 30 मई को गंगा दशहरा उत्सव मनाया जाएगा। सुबह तेरह अखाड़ों के साधु संत सिंहस्थ की तर्ज पर पेशवाई निकालेंगे। समापन पर सरोवर में संतों का शाही स्नान होगा। शाम को गंगा माता को चुनरी अर्पित कर महाआरती की जाएगी। साधु संत सिंहस्थ 2028 की तैयारियों को लेकर बैठक करेंगे।