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बांग्लादेश में हिंसा: मोदी के दौरे के बाद हिंसक प्रदर्शन के पीछे पाक एंगल, कट्टरपंथियों को दे रहा फंड

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश दौरे के बाद वहां हो रहे हिंसक प्रदर्शन के पीछे पाकिस्तान एंगल सामने आ रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश में भारत और पीएम मोदी विरोध में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच पाकिस्तान है, पाकिस्तान कट्टरपंथियों को फंड देने के साथ उनकी हर तरह से मदद कर रहा है। बांग्लादेश के 50 साल पूरे होने और बांग्लादेश के फादर आफ द नेशन शेख मुजीबुर रहमान के जन्मदिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले दिनों ही बांग्लादेश गए थे। पीएम मोदी के इस दौरे के बाद बांग्लादेश में अलग-अलग जगह हिंसक झड़प हो रही है। सूत्रों का कहना है कि इन हिंसक झड़प के पीछे पाकिस्तान का हाथ है।

सूत्रों का कहना है कि जमात और बीएनपी के लोग हिंसक झड़प कर रहे हैं और इसके पीछे पाकिस्तानी एंगल आ रहा है। इस बाबत बांग्लादेश की पार्लियामेंट ने एक ट्वीट भी किया था, जिसमें कट्टरपंथी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम और पाकिस्तान हाई कमीशन के बीच संबंध को बताया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बाद बांग्लादेश में हिफाजत-ए-इस्लाम जगह-जगह हिंसक प्रदर्शन कर रहा है। इस बारे में बांग्लादेश की पार्लियामेंट ने लिखा था, ‘पाकिस्तान हाई कमीशन ढाका, हिफाजत-ए-इस्लाम को फंड दे रहे है, ताकि भारत और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रदर्शन किया जा सके, हम सेकुलर और लोकतांत्रिक देश हैं, जो इस कृत्य की निंदा करते हैं।’





हालांकि, बांग्लादेश पार्लियामेंट का यह ट्वीट डिलिट हो गया था। इसके बाद बांग्लादेश पार्लियामेंट ने अपने अगले ट्वीट में कहा कि पाकिस्तान का कृत्य शर्मनाक है। कई लोगों का कहना है कि बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगने के बाद अब हिफाजत-ए-इस्लाम नाम से उसका संचालन किया जा रहा है, यह पार्टी देश में शरिया कानून लागू करना चाहती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश दौरे की कवरेज करने वाली टीम के अधिकारियों ने कहा कि ‘मोदी के खिलाफ’ नाम से हो रहे प्रदर्शनों के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। हिंसा ब्राह्मणबारिया के पूर्वी सीमावर्ती जिले में हुई थी। इसके अलावा बांग्लादेश की राजधानी ढाका की एक मस्जिद में भी हिंसा हुई। हिंसा से हत्जारी, चटगांव और ब्राह्मणबारिया सबसे अधिक प्रभावित हुए।

इस हिंसा पर बंगबंधु के साथ जान गंवाने वाले स्वतंत्रता सेनानी के बेटे बैरिस्टर शेख फजल नूर तपोश ने कहा कि बांग्लादेश में इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा की गई हिंसा को आतंकवादी संगठन जमात-ए-इस्लामी का समर्थन मिला है, जिसका अतीत में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंध था। इस हिंसा के बाद बांग्लादेश के लोग #BangladeshAgainstTerrorism हैशटैग के जरिए झड़प का विरोध कर रहे हैं। हिफाजत-ए-इस्लामी का सीधे तौर पर किसी राजनीतिक पार्टी से तालुक नहीं है। यह कट्टरपंथी संगठन कौमी मदरसों के जरिए संचालित होता है। बांग्लादेश में 14 हजार कौमी मदरसे है, जिसमें करीब 14 लाख बच्चे तालीम हासिल करते हैं।

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