मध्यप्रदेश

जबलपुर में बड़ी कार्रवाई: नकली इंजेक्शन लगाने पर अस्पताल के निदेशक समेत चार पहुंचे हवालात

जबलपुर। मप्र में जिस तरह से कोरोना महामारी (Corona Pandemic) पैस पसार रही है उसी तरह से दवाओं (drugs) का भी गोरखधंधा (Racket)बढ़ता जा रहा है। इस बीच कई अस्पतालों (Hospitals) ने संकट को भी अवसर बना लिया है। चंद रुपयों के लालच के लिए जबलपुर के एक अस्पताल के निदेशक ने अपने यहां भर्ती कोरोना मरीजों (Corona patients) को रेमडेसिविर का नकदी इंजेक्शन लगवा दिया, जो कई मरीजों के लिए जानलेवा भी साबित हुआ। पुलिस ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन रैकेट (Remdesivir injection racket) मामले में अस्पताल के निदेशक सरबजीत सिंह मोखा (Sarabjit Singh Mokha) समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

जबलपुर का सिटी अस्पताल (City Hospital) में भी कोरोना मरीजों (Corona patients) का इलाज हो रहा है। इस अस्पताल में अप्रैल महीने के अंतिम सप्ताह में इंदौर से करीब 500 रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir injection) मंगाए गए थे, जो कोरोना मरीजों को लगाए गए थे। ये इंजेक्शन अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा ने मंगाए थे।





नकली इंजेक्शन के चलते कई मरीजों की मौत: पुलिस
गुजरात पुलिस ने कुछ दिन पहले नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (Fake Remdesivir injection) की सप्लाई करने वाले एक रैकेट का पदार्फाश किया था। इस रैकेट के सदस्य सपन जैन ने पूछताछ में पुलिस को जबलपुर के सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा का भी नाम लिया। पुलिस की जांच में पता चला कि सरबजीत ने रैकेट के माध्यम से इंदौर से जबलपुर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मंगाए। करीब 500 की संख्या में यह इंजेक्शन अस्पताल में ही खपा दिए गए, जिसके चलते कई मरीजों की जान चली गई। इस इंजेक्शन के लिए मरीजोें से मोटी रकम वसूली गई।

पुलिस ने आईपीसी की कई धाराओं में मामला दर्ज कर फरार चल रहे सरबजीत सिंह समेत चार को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अभी पता लगा रही है कि आरोपी सरबजीत के अस्पताल में 500 इंजेक्शन का ही इस्तेमाल हुआ या इससे अधिक भी मंगाए गए?

वीएचपी ने पद से हटाया
आरोपी सरबजीत सिंह नर्मदा मंडल का विश्व हिंदू परिषद (VHP) अध्यक्ष भी है। नकली इंजेक्शन रैकेट नाम आने के बाद वीएचपी ने आरोपी सरबजीत को अध्यक्ष पद से हटा दिया है।

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