धर्म

पहली बार रख रही हैं करवा चौथ का व्रत, इन बातों का जरूर रखें ध्यान

करवा चौथ हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है।  कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को यह व्रत रखा जाता है। देश के कुछ हिस्सों में करवा चौथ व्रत पूजा की थाली को ‘बाया’ भी कहते हैं, जिसमें सिंदूर, रोली, जल और सूखे मेवे भी रहते हैं। यह पर्व सौभाग्यवती (सुहागिन) स्त्रियाँ मनाती हैं।  यह व्रत सुबह सूर्योदय से पहले करीब 4 बजे के बाद शुरू होकर रात में चंद्रमा दर्शन के बाद संपूर्ण होता है।  वैसे तो ये व्रत सभी सुहागिनों के लिए खास होता है, लेकिन इसका महत्व पहली बार व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए ज्यादा होता है। अगर आप भी इस साल पहली बार व्रत (Fasting) रखने जा रही हैं तो पूजा के नियमों का पालन जरूरी है। तो कैसे करें व्रत की शुरुआत और पूजन सामग्री में किन चीजों को करें शामिल जानें नियम।

करवा चौथ आसान पूजा विधि (Karwa Chauth Simple Pujan Vidhi)
1. इस दिन सुबह-सवेरे उठा जाएं। आपको सरगी के रूप में जो भोजन मिला है उसे ग्रहण करें और पानी पीएं। फिर निर्जला व्रत रखने का संकल्प करें। इस दिन सूर्य उदय होने से पहले ही स्नान कर लें।
2. शिव परिवार और श्रीकृष्ण की स्थापना एक चौकी पर करें। फिर गणेश जी का पूजन करें। इन्हें पीले फूलों की माला, लड्डू और केला अर्पित करें।
3. फिर शिवजी और माता पार्वती को बेलपत्र और श्रृंगार की वस्तुएं और श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री और पेड़े चढ़ाएं। इसके बाद करवा माता का चित्र लगाएं।
4. अगरबत्ती और दीपक जलाएं. फिर मिट्टी का कर्वा लें और उस पर स्वास्तिक बनाएं।
5. करवा चौथ की पूजा के लिए शाम को मिट्टी की वेदी बनाएं और उसपर सभी देवताओं की स्थापना करें। इस पर करवा रखें।
6. फिर एक थाली लें और उसमें धूप, दीप, चंदन, रोली, सिन्दूर रखें और घी का दीपक लें। दीपक को जलाएं।
7. चांद निकलने से करीब एक घंटा पहले ही पूजा शुरू कर देनी चाहिए. मिट्टी का कर्वा लें और उसमें दूध, जल और गुलाब जल मिलाएं।
8. इस दिन करवा चौथा की कथा जरूर सुनें।
9. फिर चांद निकलने के बाद छलनी के जरिए चांद को देखें. चंद्रमा की पूजा करने के बाद अर्घ्य दें। चांद के दर्शन के बाद महिला को अपने पति के हाथ से जल पीकर व्रत खोलना चाहिए।
सास को थाली में मिठाई, फल, मेवे, रुपये आदि दें. साथ ही उनसे सौभाग्यवती का आशीर्वाद लें ।

अगर आप भी इस साल करवा चौथ का व्रत पहली बार रख रही हैं तो हम आपके लिए कुछ ऐसे टिप्स लाए हैं जिन्हें अपनाकर आप पूरे दिन बिना थके इस व्रत को रख सकती हैं। (Karwa Chauth Vrat Tips for newly weds)
सरगी में हो फल
अपने सरगी में केला, पपीता, अनार, जामुन और सेब जैसे फल रखें। फलों के अंदर फाइबर होता है जो आपको एनर्जी देता है।
ऑयली और फ्राइड फूड से करें परहेज
इस‌ दिन ऑयली और फ्राइड फूड ना खाएं। ऑयली और फ्राइड खाना हैवी होता है, अगर आपने सुबह पराठा या पकोड़ा खाया है तो आपको उपवास के दौरान चक्कर भी आ सकता है। आप अपने सरगी में मल्टीग्रेन चपाती और सब्जी या पनीर खा सकती हैं। सरगी की थाली में हेल्दी और लाइट खाना होना चाहिए।
चाय और कॉफी का ना करें सेवन
अगर आप इस दिन व्रत रखने की तैयारी कर रही हैं तो सुबह सरगी के समय चाय या कॉफी ना पिएं। ‌चाय या कॉफी इंसान को डिहाइड्रेट करता है। अगर आप डिहाइड्रेट हो जाएंगी तो आपको पानी पीने का मन करेगा और इस दिन औरतें निर्जला व्रत रखती हैं। आप फ्रेश जूस, दूध या छाछ पी सकती हैं। आप अपने दिन की शुरुआत ग्रीन टी या आंवला जूस से भी कर सकती हैं। इनके एंटीऑक्सीडेंट आपको पूरे दिन एनर्जेटिक बनाए रखेंगे।
मीठी चीज ना खाएं
इंस्टेंट मिठाई या कोई मीठी चीज खाने से परहेज करें और खजूर, अंजीर या एप्रीकॉट खाएं। ज्यादा मीठा खाने से ये आपको डिहाइड्रेट कर देगा और आपको हंगर पैंग्स महसूस होने लगेगा।
ड्राई फ्रूट का लें सहारा
इस दिन आप वॉलनट, बादाम और पिस्ताचियोज का सेवन करें। नट्स के अंदर प्रोटीन और एसेंशियल साथ होते हैं जो आपको पूरे दिन एनर्जेटिक रखेगा।
सरगी खाने के बाद करें आराम
सुबह-सुबह अपनी सरगी खत्म करने के बाद थोड़ी देर तक आराम करें। इस दिन आप अपने आपको ज्यादा काम में व्यस्त ना रखें। अगर आप इस दिन प्राणायाम करेंगी तो यह आपको चक्कर जैसी परेशानियों से निजात दिलाएगा। योगा करने से आपका ब्रीद‍िंग पैटर्न भी कंट्रोल में रहेगा और आपके बॉडी में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ेगा।

सूर्योदय से पहले खा लेनी चाहिए सरगी-
मान्यता है कि सूर्योदय से पहले सरगी खा लेनी चाहिए। यह सरगी सास बहू को देती है। सरगी खाते समय दक्षिण दिशा की ओर मुंह करना शुभ होता है।

कैसे मनाया जाता है करवाचौथ (How Karwa Chauth is celebrated)
करवा चौथ के दिन शादी शुदा महिलाएं परंपरा के अनुसार व्रत रखती हैं और अपने पति के लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं। इस दिन महीलाएं सुबह जल्दी उठकर नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर अपने सास द्वारा बनाई गई सरगी खाती हैं। सरगी खाने के बाद महिलाएं पूरा दिन उपवास और निर्जला व्रत रखती हैं।

इस दिन महिलाएं सुंदर कपड़े पहनती हैं और हाथ में मेहंदी रचाती हैं। शाम के समय जब पूजा किया जाता है तब महिलाएं लोकगीत गाती हैं और कथाएं पढ़ती हैं। इस पूजा में कई महिलाएं शामिल हो सकती हैं, अक्सर जब कथा पढ़ना होता है तब महिलाएं एक जगह पर जुट जाती हैं और पूजा करने के साथ कथाएं पढ़ती हैं।

रात में होता है चांद का इंतजार (Karwa Chauth Moon)
पूजा जब खत्म हो जाती है तब महिलाए चांद का इंतजार करती हैं। परंपरा के अनुसार, करवा चौथ के दिन उपवास तोड़ने के लिए, पत्नियां पूजा करने के बाद चांद की पूजा करती हैं और छलनी से चांद को निहारती हैं। फिर उसी छनली से अपने पति को देखती हैं। यह रीति रिवाज खत्म होने के बाद पति पानी पि‍लाकर अपनी पत्नी का व्रत खुलवाते हैं।

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