राहुल गांधी ने कहा- अगर मैं PM होता तो विकास केंद्रित नीति पर ध्यान केंद्रित करता

नई दिल्ली। अमेरिकी के हार्वर्ड केनेडी स्कूल के एंबेसडर निकोलस बर्न्स के साथ बातचीत में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपना मास्टर प्लान साझा किया। स्कूली छात्रों से संवाद के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि अगर वह प्रधानमंत्री होते तो वह जॉब क्रिएशन पर ज्यादा फोकस करते बजाय विकास दर (ग्रोथ) की । शुक्रवार रात 9.30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निकोलस बर्न्स के साथ चर्चा के दौरान एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने को कहा कि अगर वह प्रधानमंत्री होते तो निश्चित तौर पर ‘विकास केंद्रित’ नीति की तुलना में रोजगार सृजन पर अधिक ध्यान केंद्रित करते। इसके साथ ही राहुल गांधी ने संवाद के दौरान कहा कि भारत में क्या हो रहा है, इस बारे में अमेरिकी प्रतिष्ठान से कुछ भी सुनने को नहीं मिला। अगर आप लोकतंत्र की साझेदारी की बात कर रहे हैं तो भारत में जो कुछ घट रहा है, उस पर आपका देश क्यों नहीं बोलता।
पीएम बनने पर आपकी आर्थिक नीति क्या होगी?
चर्चा के दौरान जब राहुल गांधी से पूछा गया कि अगर आपको प्रधानमंत्री बनने का मौका मिलता है तो आपकी आर्थिक नीति क्या होगी? कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि वह रोजगार पर ज्यादा जोर देंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं केवल विकास-केंद्रित विचार से नौकरी-केंद्रित विचार की ओर आगे बढ़ूंगा। हमें डेवल्पमेंट की जरूरत है,लेकिन उत्पादन, रोजगार सृजन और वैल्यू एडिशन को आगे बढ़ाने के लिए हम सब कुछ करने जा रहे हैं।’
नौकरी नहीं होने पर आर्थिक विकास का कोई मतलब नहीं
बातचीत के दौरान जब राहुल गांधी से पूछा गया कि अगर वह प्रधानमंत्री चुने जाते हैं तो वे किन नीतियों को प्राथमिकता देंगे? इसके में जवाब में उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में हमारे बढ़ोतरी को देखें, तो हमारे विकास और नौकरी का प्रकार, वैल्यू एडिशन और उत्पादन के बीच होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है। आज वैल्यू एडिशन को चीनी लीड करते हैं। आज तक मुझे ऐसे एक भी चीनी नेता से नहीं मिले तो, जो कहते कि मुझे नौकरियों की समस्या है। मेरे लिए नौकरियां पहली प्राथमिकता है। ऐसे में मेरे लिए 9 फीसदी आर्थिक विकास का कोई मायने नहीं रह जाता।
सत्तापक्ष पर संस्थागत ढांचे को कब्जा करने का आरोप
हार्वर्ड कैनेडी स्कूल के छात्रों के साथ संवाद में राहुल गांधी ने असम विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी की गाड़ी से ईवीएम मिलने का भी जिक्र किया। इसके साथ ही उन्होंने सत्तापक्ष पर संस्थागत ढांचे के अधिकार को कुचलने का आरोप लगाया।