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इस ‘तिमाही परीक्षा’ में कैसे पास होगा बाजार ?

नयी दिल्ली। वृहद आर्थिक संकेतकों (Macro level Ecomomic Indicators) के अभाव में इस सप्ताह कंपनियों के पहली तिमाही (First Quarter) के नतीजे शेयर बाजारों (Stock Market) की दिशा तय करेंगे। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।
विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक बाजारों (Global Market) में उत्साह के अभाव से यहां उतार-चढ़ाव रह सकता है।

बुधवार को ‘बकरीद’(Eid) के मौके पर शेयर बाजार बंद रहेंगे।

रेलिगेयर ब्रोकिंग (Religare Broking) के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘यह कम कारोबारी सत्रों वाला सप्ताह है। वैश्विक घटनाक्रम तथा तिमाही नतीजे बाजार की दिशा तय करेंगे। इसके अलावा कोविड-19 (Covid-19) से जुड़े घटनाक्रम तथा मानसून (Monsoon) की प्रगति से भी बाजार का रुख तय होगा। सप्ताह के दौरान कई बड़ी कंपनियों के तिमाही परिणाम आने हैं।’’

मिश्रा ने कहा कि इस सप्ताह रिलायंस(Reliance), एसीसी(ACC), एशियन पेंट्स(Asian Paints), बजाज फाइनेंस(Bajaj Finance), बजाज ऑटो(Bajaj Auto), एचसीएल टेक्नोलॉजीज(HCL Technologies), एचडीएफसी लाइफ (HDFC Life Insurance) इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस(ICICI Prudential Life Insurance) , हिंदुस्तान यूनिलीवर(Hindustan Unilever), अल्ट्राटेक सीमेंट(Ultratech Cement), अंबुजा सीमेंट (Ambuja Cement) तथा जेएसडब्ल्यू स्टील (JSW Steel) जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही परिणाम आएंगे।

रिलायंस सिक्योरिटीज (Reliance Securities) के रणनीति प्रमुख विनोद मोदी (Vinod Modi) ने कहा, ‘‘हमारे विचार में मानसून की प्रगति, पहली तिमाही के नतीजे, कोविड-19 संक्रमण की दर निकट भविष्य में शेयर बाजारों की दिशा तय करेगी।’’

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज (Jiojit Financial Services) के शोध प्रमुख विनोद नायर (Research Head Vinod Nair) ने कहा, ‘‘हम तिमाही नतीजों के सीजन में प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में बाजार की दिशा तिमाही नतीजों तथा कंपनियों के प्रबंधन की टिप्पणियों पर निर्भर करेगी। सप्ताह के दौरान क्षेत्र विशेष आधारित गतिविधियां देखने को मिलेंगी। हालांकि, वैश्विक बाजारों में सुस्ती तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली (Sell of Shares) से बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है।’’

बीते सप्ताह बीएसई (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स (Sensex) 753 अंक या 1.43 प्रतिशत के लाभ में रहा। सेंसेक्स और निफ्टी (NIFTI) रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंने और क्रमश: 1.4 प्रतिशत और 1.5 प्रतिशत की बढ़त में रहे।

विश्लेषकों ने कहा कि इसके साथ ही बाजार भागीदारों की निगाह डॉलर के मुकाबले रुपये के उतार-चढ़ाव, ब्रेंट कच्चे तेल (Crude Oil) के दाम तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश के रुख पर रहेगी।

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