मध्यप्रदेश

बेखौफ रेत खनन माफिया: एनजीटी का आदेश बेअसर, नर्मदा नदी का सीना कर रहे छलनी

मध्यप्रदेश: होशंगाबाद। मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) में रेत खनन माफिया बेखौफ (sand mining mafia fearless) हैं। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की बंदिश के बाद भी रेत खनन माफिया मुख्यमंत्री के गृह जिले बुधनी क्षेत्र (Chief Minister’s home district Budhni area) में नर्मदा नदी का सीना छलनी कर बेखौफ होकर रेत निकालने का काम लगातार कर रहे हैं। जबकि एनजीटी के आदेश के बाद सीहोर कलेक्टर (Sehore Collector) ने बीते जून से ही रेत उत्खनन की रोक पर अपना फरमान जारी कर चुके हैं। कलेक्टर के आदेश के बावजूद बुधनी एसडीएम (Budhni SDM) ने बेतुका बयान देते हुए कहा कि हमारे जिले में इस तरह की कोई रोक नहीं है।

बता दें कि रेत माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि दिन हो रात किसी भी समय ट्रैक्टर ट्रॉली (tractor trolley) को बीच नर्मदा नदी (Narmada river) में लेजाकर रेत उत्खनन का काम रहे हैं। 30 जून की रात से रेत खदानों से उत्खनन करने पर रोक के आदेश कलेक्टर ने दिए, लेकिन बुदनी SDM इस आदेश से बेखबर बने हुए हैं। एनजीटी के निर्देंश पर कलेक्टर सीहोर कलेक्टर ने नर्मदा नदी सहित जिले भर में सभी खदानों पर 3 माह तक उत्खनन पर रोक लगाई है। 30 जून की रात 12 बजे से 1 अक्टूबर तक उत्खनन पर रोक रहेगी। केवल स्टॉकों से ही रेत का परिवहन ठेकेदार कर सकेंगे।





होशंगाबाद में रात को अवैध उत्खनन
होशंगाबाद में NGD की रोक के बाद खनिज राजस्व के अमले (Mineral Revenue Staff) ने करबाला की खदान के रास्ते को JCB से काट दिया। शुक्रवार को खदानों पर माफिया रेत चोरी नहीं कर सके। इसके लिए खदान के रास्ते में 15 फीट खोदे गए। बावजूद रेत चोरी हो रही। शुक्रवार रात में गुज्जरवाड़ा खदान, ग्राम नानपा में नदी में रेत की चोरी हुई।

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