संसद को घेरने कल किसानों का निकलेगा मार्च, गिरफ्तारी से नहीं डर
ताजा खबर : नई दिल्ली। संसद (Parliament) का मानसून सत्र शुरू होने के बाद केन्द्र सरकार (central government) द्वारा बनाए गए कृषि कानूनों (agricultural laws) का विरोध कर रहे किसानों का आंदोलन एक बार फिर चर्चा में आ गया है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait, spokesperson of Bharatiya Kisan Union) ने बातचीत में कहा है कि 22 जुलाई को संसद को घेरने मार्च किया जाएगा। उन्होंने सख्त लहजे में कहा है कि पुलिस प्रशासन अनुमति दे या न दे हम जरूर जाएंगे, चाहें हमें गिरफ्तार क्यों न कर लिया जाए।
भारतीय किसान यूनियन के नेता ने कहा कि आंदोलन तो पूरी दुनिया में होता है। दिल्ली पुलिस जिस तरह का चाहेगी हम उसी तरह से शांतिपूर्ण मार्च निकालेंगे। राकेश टिकैत ने कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार में बैठे लोग यह नहीं चाहते की हम मार्च निकालें। क्योंकि अभी सदन चल रहा है। लेकिन जब कृषि कानून संसद में ही बना है, तो हम विरोध करने रामलीला मैदान (Ramlila Maidan) या किसी और जगह क्यों जाएं।
कोई और तरीका हो तो बताएं
किसान नेता राकेश टिकैत बोले कि क्या हम संसद पहुंचकर सत्ता परिवर्तन कर देंगे? ये सिर्फ एक विरोध प्रदर्शन है, ये सांकेतिक होता है। संसद के पास हजारों लोग घूमते हैं, हम तो बताकर जा रहे हैं। हम सिर्फ लोकतांत्रिक तरीके से विरोध जताना चाहते हैं, अगर इससे आसान कोई तरीका हो तो हमें बता दीजिए।
26 जनवरी की हिंसा को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि 26 जनवरी को आखिरकार ऐसा क्या हुआ था? हमने तो इनसे रिंग रोड मांगी थी, लेकिन उन्होंने तब अनुमति नहीं दी. यही लाल किले पर ले गए थे उन्होंने ही रास्ता बंद किया था और गांव के लोगों को रास्ते का पता नहीं था। गुरुवार के प्रदर्शन को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि हम संसद में शांतिपूर्वक तरीके से जाएंगे। पार्लियामेंट थाने के बाहर अपना मंच लगाएंगे और जब पार्लियामेंट खत्म हो जाएगा तो वापस आ जाएंगे, उसका तो समय भी निश्चित है।