किसान आंदोलन को सात महीने पूरे: राजभवन मार्च का ऐलान, पुलिस ने बढ़ाई सख्ती
ताजा खबर: नई दिल्ली। दिल्ली की सीमाओं (Delhi borders) में चल रहे किसान आंदोलन (kisaan aandolan) को सात महीने पूरे हो गए हैं। केंद्र के तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि देश के सभी राजभवनों में जाकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।
किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली में पुलिस और अर्धसैनिक बलों (Police and Paramilitary Forces) की तैनाती की गई है। मोर्चा ने इस विरोध मार्च का नाम खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस रखा है। यह विरोध मार्च देश में आपातकाल लागू होने की 46वीं बरसी के एक दिन बाद आयोजित किया गया है।
किसान नेता युद्धवीर सिंह (Yudhveer Singh) दिल्ली में उपराज्यपाल (LG) के घर के पास 8-10 लोगों के साथ पहुँचे। पुलिस ने उन्हें राजभवन नहीं जाने दिया, बल्कि उन्हें अपने साथ ले गई। दिल्ली के उपराज्यपाल के घर के बाहर दिल्ली पुलिस ने किलेबंदी कर दी है, ताकि किसान वहां तक पहुँच ही न पाएं। पुलिस ने कंटीले तारों से बैरिकेडिंग (barricading) की गई है। ट्रैक्टर रोकने के लिए रास्तों पर ट्रक और डम्फर खड़े कर दिए गए हैं।
किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा है कि हम दिल्ली एलजी के आवास पर ट्रैक्टर लेकर नहीं जाएंगे, उन्होंने कहा कि दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल (Anil Baijal) ने किसान नेताओं से मिलने का समय दिया है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत (Naresh Tikait) ने कहा कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान शनिवार को विभिन्न राज्यों के राज्यपालों को ज्ञापन सौंपकर इन कानूनों को वापस लिये जाने की मांग करेंगे।
उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के सात महीने पूरे होने के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) को संबोधित ये ज्ञापन दिए जाएंगे। टिकैत ने यूपी गेट पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को संबोधित किया। देश के अलग अलग राज्यों में राजभवनों में ज्ञापन सौंपने की तैयारी की है।