बंगाल का रण: दूसरे चरण में नंदीग्राम सीट पर टिकी निगाहें, कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के दूसरे चरण की 30 सीटों पर वोटिंग जारी है। दूसरे दौर में 30 सीटों पर 345 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी है। ऐसे में कई दिग्गज नेताओं के राजनीतिक भविष्य का फैसला भी इसी चरण में होना है। नंदीग्राम सीट पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी के बीच सीधा मुकाबला है तो डेबरा में दो पूर्व आईपीएस आमने सामने हैं। ऐसे ही करीब आधा दर्जन सीटें दूसरे चरण की हैं, जहां के चुनाव पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
नंदीग्राम में ममता बनाम शुभेंदु की फाइट
नंदीग्राम बंगाल की सबसे हाई प्रोफाइल सीट मानी जा रही है, जहां टीएमसी प्रमुख मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बीजेपी से शुभेंदु अधिकारी आमने-सामने हैं। लेफ्ट से मीनाक्षी मुखर्जी मैदान में है। यही नहीं दूसरे चरण में शुभेंदु अधिकारी की साख भी दांव पर है, क्योंकि उनके गढ़ में चुनाव हो रहे हैं। सीट जीतने के लिए ममता और शुभेंदु ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। दोनों ही प्रत्याशियों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है। यह सीट लंबे समय तक लेफ्ट के पास रही है, लेकिन नंदीग्राम भूमि आंदोलन के बाद से टीएमसी अपना वर्चस्व बरकरार रखे हुए है। ऐसे में देखना है कि इस बार नंदीग्राम में कमल खिलता है फिर दीदी का सियासी वर्चस्व कायम रहेगा?
डेबरा में दो पूर्व आईपीएस के बीच फाइट
दूसरे चरण में डेबरा विधानसभा सीट पर सभी की नजर है। इस बार यहां से दो पूर्व आईपीएस के बीच सीधी जंग है। दोनों सीआईडी में एक-दूसरे के साथ अपराधियों के खिलाफ काम कर चुके हैं। बीजेपी से पूर्व आईपीएस अधिकारी भारती घोष चुनावी मैदान में है तो टीएमसी से पूर्व आईपीएस अधिकारी हुमायूं कबीर किस्मत आजमा रहे हैं। ऐसे में दोनों ही पूर्व आईपीएस के बीच कांटे का मुकाबला माना जा रहा है।
भारती घोष 2019 से राजनीति में हैं। उन्होंने 2019 में घाटाल से बीजेपी की तरफ से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। हालांकि उन्हें पराजित होना पड़ा था। वहीं हुमायूं कबीर पहली बार राजनीति में कदम रख रहे हैं। कुछ महीने पहले ही हुमायूं कबीर ने हुगली पुलिस कमिश्नरेट से सीपी के पद से इस्तीफा देने के साथ ही आईपीएस के पद से भी रिजाइन कर दिया था। इसके बाद ही उन्होंने टीएमसी ज्वाइन कर ली और अब मैदान में उतरे हैं। ऐसे में देखना है कि डेबरा में कौन सियासी बाजी मारता है।
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साबंग सीट पर मानस भुइंया
पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मेदिनीपुर जिले की साबंग विधानसभा सीट पर काफी रोचक मुकाबला माना जा रहा है। यहां से टीएमसी के मानस रंजन भुइंया मैदान में है, जिनके खिलाफ बीजेपी से अमूल माइति हैं। मानस भुइंया की यह परंपरागत सीट मानी जाती है वो लगातार तीन बार से इस सीट से कांग्रेस के विधायक रहे हैं, लेकिन इस बार टीएमसी से मैदान में है। उन्होंने पिछले चुनाव में टीएमसी के निर्मल घोष को हराया था।
खड़गपुर सीट पर बीजेपी की साख दांव पर
पश्चिम बंगाल की खड़गपुर सदर विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। टीएमसी ने इस सीट से एक बार फिर से अपने मौजूदा विधायक प्रदीप सरकार को चुनावी मैदान में उतारा है जबकि बीजेपी ने हिरणमय चटर्जी पर दांव खेला है। 2016 के विधानसभा चुनाव में इस सीट मौजूदा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष विधायक चुने गए थे, लेकिन तीन साल बाद 2019 में जब वो सांसद बन गए, तो उन्होंने ये सीट खाली कर दी थी। इसके बाद यहां उपचुनाव हुए और ये सीट बीजेपी के हाथ से निकल गई। ऐसे में बीजेपी इस सीट पर दोबारा से अपना कब्जा जमाना चाहती हैं।
चांदीपुर में अभिनेत्री सोहम की किस्मत दांव पर
चांदीपुर विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां अभिनेत्री सोहम चक्रबर्ती टीएमसी से किस्मत आजमा रही है। बीजेपी की ओर से यहां पुलक कांति गुरिया और लेफ्ट से आशीष गुचैत मैदान में है। पिछले चुनाव में टीएमसी के अमियकांति भट्टाचार्जी ने करीब 10 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार का समीकरण काफी बदल गया है। ऐसे में टीएमसी ने अपने मौजूदा विधायक का टिकट काटकर सोहम पर दांव खेला है। ऐसे में देखना है कि बीजेपी और टीएमसी में कौन जीत दर्ज करता है।
मोयना में पूर्व क्रिकेटर अशोक डींडा
मोयना विधानसभा सीट पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं, यहां से पूर्व क्रिकेटर अशोक डींडा बीजेपी के टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं, टीएमसी से मौजूदा विधायक संग्राम कुमार दोलुई और कांग्रेस से मानिक भौमिक मैदान में है।ऐसे में इस सीट पर काफी रोचक मुकाबला माना जा रहा है। 2016 के चुनाव में संग्राम और भौमिक के बीच मुकाबला हुआ था, लेकिन इस बार त्रिकोणीय लड़ाई होती नजर आ रही है।